संकष्टी चतुर्थी पर करें श्री गणेश के 1000 नामों का जाप... आपकी जीवन में आएगी सुख और संपन्नता

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी आती है। इस बार यह तिथि आज है। इस दिन गणेश जी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है।

Update: 2021-03-02 03:10 GMT

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी आती है। इस बार यह तिथि आज है। इस दिन गणेश जी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। पूजा के दौरान गणेश जी को दूर्वा चढ़ाई जाती है और मोदक का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा गणेश चतुर्थी व्रत की कथा भी सुनी जाती है। पूजा करते समय भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए अगर उनके 1000 नामों का जाप किया जाए तो व्यक्ति को जीवन में अपार रिद्धि-सिद्धि, सुख, संपन्नता, ऐश्वर्य, वैभव और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा शांति और प्रसन्नता का भी व्यक्ति के जीवन और घर में वास होता है। तो आइए पढ़ते हैं श्री गणेश के 1000 नाम-

श्री गणेश के 1000 नाम:

ॐ गणपतये नमः॥ ॐ गणेश्वराय नमः॥ ॐ गणक्रीडाय नमः॥ ॐ गणनाथाय नमः॥

ॐ गणाधिपाय नमः॥ ॐ एकदंष्ट्राय नमः॥ ॐ वक्रतुण्डाय नमः॥ ॐ गजवक्त्राय नमः॥

ॐ मदोदराय नमः॥ ॐ लम्बोदराय नमः॥ ॐ धूम्रवर्णाय नमः॥ ॐ विकटाय नमः॥

ॐ विघ्ननायकाय नमः॥ ॐ सुमुखाय नमः॥ ॐ दुर्मुखाय नमः॥ ॐ बुद्धाय नमः॥

ॐ विघ्नराजाय नमः॥ ॐ गजाननाय नमः॥ ॐ भीमाय नमः॥ ॐ प्रमोदाय नमः॥

ॐ आनन्दाय नमः॥ ॐ सुरानन्दाय नमः॥ ॐ मदोत्कटाय नमः॥ ॐ हेरम्बाय नमः॥

ॐ शम्बराय नमः॥ ॐ शम्भवे नमः॥ ॐ लम्बकर्णाय नमः॥ ॐ महाबलाय नमः॥

ॐ नन्दनाय नमः॥ ॐ अलम्पटाय नमः॥ ॐ भीमाय नमः॥ ॐ मेघनादाय नमः॥

ॐ गणञ्जयाय नमः॥ ॐ विनायकाय नमः॥ ॐ विरूपाक्षाय नमः॥ ॐ धीराय नमः॥

ॐ शूराय नमः॥ ॐ वरप्रदाय नमः॥ ॐ महागणपतये नमः॥ ॐ बुद्धिप्रियाय नमः॥

ॐ क्षिप्रप्रसादनाय नमः॥ ॐ रुद्रप्रियाय नमः॥ ॐ गणाध्यक्षाय नमः॥ ॐ उमापुत्राय नमः॥

ॐ अघनाशनाय नमः॥ ॐ कुमारगुरवे नमः॥ ॐ ईशानपुत्राय नमः॥ ॐ मूषकवाहनाय नः॥

ॐ सिद्धिप्रदाय नमः॥ ॐ सिद्धिपतये नमः॥ ॐ सिद्ध्यै नमः॥ ॐ सिद्धिविनायकाय नमः॥

ॐ विघ्नाय नमः॥ ॐ तुङ्गभुजाय नमः॥ ॐ सिंहवाहनाय नमः॥ ॐ मोहिनीप्रियाय नमः॥

ॐ कटिंकटाय नमः॥ ॐ राजपुत्राय नमः॥ ॐ शकलाय नमः॥ ॐ सम्मिताय नमः॥

ॐ अमिताय नमः॥ ॐ कूश्माण्डगणसम्भूताय नमः॥ ॐ दुर्जयाय नमः॥ ॐ धूर्जयाय नमः॥

ॐ अजयाय नमः॥ ॐ भूपतये नमः॥ ॐ भुवनेशाय नमः॥ ॐ भूतानां पतये नमः॥

ॐ अव्ययाय नमः॥ ॐ विश्वकर्त्रे नमः॥ ॐ विश्वमुखाय नमः॥ ॐ विश्वरूपाय नमः॥

ॐ निधये नमः॥ ॐ घृणये नमः॥ ॐ कवये नमः॥ ॐ कवीनामृषभाय नमः॥

ॐ ब्रह्मण्याय नमः॥ ॐ ब्रह्मणस्पतये नमः॥ ॐ ज्येष्ठराजाय नमः॥ ॐ निधिपतये नमः॥

ॐ निधिप्रियपतिप्रियाय नमः॥ ॐ हिरण्मयपुरान्तस्थाय नमः॥ ॐ सूर्यमण्डलमध्यगाय नमः॥

ॐ कराहतिध्वस्तसिन्धुसलिलाय नमः॥ ॐ पूषदन्तभृते नमः॥ ॐ उमाङ्गकेळिकुतुकिने नमः॥

ॐ मुक्तिदाय नमः॥ ॐ कुलपालकाय नमः॥ ॐ किरीटिने नमः॥ ॐ कुण्डलिने नमः॥

ॐ हारिणे नमः॥ ॐ वनमालिने नमः॥ ॐ मनोमयाय नमः॥ ॐ वैमुख्यहतदृश्यश्रियै नमः॥

ॐ पादाहत्याजितक्षितये नमः॥ ॐ सद्योजाताय नमः॥ ॐ स्वर्णभुजाय नमः॥ ॐ मेखलिन नमः॥

ॐ दुर्निमित्तहृते नमः॥ ॐ दुस्स्वप्नहृते नमः॥ ॐ प्रहसनाय नमः॥ ॐ गुणिने नमः॥

ॐ नादप्रतिष्ठिताय नमः॥ ॐ सुरूपाय नमः॥ ॐ सर्वनेत्राधिवासाय नमः॥ ॐ वीरासनाश्रयाय नमः॥

ॐ पीताम्बराय नमः॥ ॐ खड्गधराय नमः॥ ॐ खण्डेन्दुकृतशेखराय नमः॥ ॐ चित्राङ्कश्यामदशनाय नमः॥

ॐ फालचन्द्राय नमः॥ ॐ चतुर्भुजाय नमः॥ ॐ योगाधिपाय नमः॥ ॐ तारकस्थाय नमः॥

ॐ पुरुषाय नमः॥ ॐ गजकर्णकाय नमः॥ ॐ गणाधिराजाय नमः॥ ॐ विजयस्थिराय नमः॥

ॐ गणपतये नमः॥ ॐ ध्वजिने नमः॥ ॐ देवदेवाय नमः॥ ॐ स्मरप्राणदीपकाय नमः॥

ॐ वायुकीलकाय नमः॥ ॐ विपश्चिद्वरदाय नमः॥ ॐ नादाय नमः॥ ॐ नादभिन्नवलाहकाय नमः॥

ॐ वराहवदनाय नमः॥ ॐ मृत्युञ्जयाय नमः॥ ॐ व्याघ्राजिनाम्बराय नमः॥ ॐ इच्छाशक्तिधराय नमः॥

ॐ देवत्रात्रे नमः॥ ॐ दैत्यविमर्दनाय नमः॥ ॐ शम्भुवक्त्रोद्भवाय नमः॥ ॐ शम्भुकोपघ्ने नमः॥

ॐ शम्भुहास्यभुवे नमः॥ ॐ शम्भुतेजसे नमः॥ ॐ शिवाशोकहारिणे नमः॥ ॐ गौरीसुखावहाय नमः॥

ॐ उमांगमंगलाय नमः॥ ॐ गौरीतेजोभुवे नमः॥ ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः॥ ॐ यज्ञकायाय नमः॥

ॐ महानादाय नमः॥ ॐ गिरिवर्ष्मणे नमः॥ ॐ शुभाननाय नमः॥ ॐ सर्वात्मने नमः॥

ॐ सर्वदेवात्मने नमः॥ ॐ ब्रह्ममूर्ध्ने नमः॥ ॐ ककुप्छ्रुतये नमः॥ ॐ ब्रह्माण्डकुम्भाय नमः॥

ॐ चिद्व्योमफालाय नमः॥ ॐ सत्यशिरोरुहाय नमः॥ ॐ जगज्जन्मलयोन्मेषनिमेषाय नमः॥ ॐ अग्न्यर्कसोमदृशे नमः॥

ॐ गिरीन्द्रैकरदाय नमः॥ ॐ धर्माय नमः॥ ॐ धर्मिष्ठाय नमः॥ ॐ सामबृंहिताय नमः॥

ॐ ग्रहर्क्षदशनाय नमः॥ ॐ वाणीजिह्वाय नमः॥ ॐ वासवनासिकाय नमः॥ ॐ कुलाचलांसाय नमः॥

ॐ सोमार्कघण्टाय नमः॥ ॐ रुद्रशिरोधराय नमः॥ ॐ नदीनदभुजाय नमः॥ ॐ सर्पाङ्गुळिकाय नमः॥

ॐ तारकानखाय नमः॥ ॐ भ्रूमध्यसंस्थतकराय नमः॥ ॐ ब्रह्मविद्यामदोत्कटाय नमः॥ ॐ व्योमनाभाय नमः॥

ॐ श्रीहृदयाय नमः॥ ॐ मेरुपृष्ठाय नमः॥ ॐ अर्णवोदराय नमः॥ ॐ कुक्षिस्थयक्षगन्धर्वरक्षः किन्नरमानुषाय नमः॥



Tags:    

Similar News

-->