चाणक्य नीति: अगर आपको पाना है आर्थिक तरक्की, तो इस बुरी आदत को छोड़ करें ये काम

चाणक्य नीति में उन विभिन्न विषयों के बारे में गहनता से समझाया गया है जो हमारे जीवन पर काफी प्रभाव डालती हैं.

Update: 2020-10-27 14:58 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाणक्य नीति में उन विभिन्न विषयों के बारे में गहनता से समझाया गया है जो हमारे जीवन पर काफी प्रभाव डालती हैं. अगर इन नीतियों को अपने भीतर आत्मसात कर लिया जाए तो सफलता का मुकाम हासिल किया जा सकता है. यानि ये कहा जा सकता है कि चाणक्य की नीतियां सफल बनने की सीख देती हैं. वहीं अपनी नीतियों में उन्होंने ऐसी आदतों का भी ज़िक्र किया है जिन्हें ना छोड़ने से आर्थिक तरक्की में रुकावट आ सकती है. और अमीर से अमीर इंसान भी गरीब हो जाता है. चाणक्य के अनुसार आखिर कौन सी हैं वो आदतें, आइए जानते हैं-

स्वच्छता का नहीं रखते ध्यान

आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जो लोग साफ-सुथरे व स्वच्छ वस्त्र धारण नहीं करते हैं. वो मनुष्य लक्ष्मी को अप्रसन्न कर देता है और उससे रुठकर लक्ष्मी हमेशा के लिए उनसे दूर हो जाती है. ऐसी स्थिति में अमीर आदमी को भी कंगाल बनते देर नहीं लगती.

जो मीठी वाणी नहीं बोलते

जिन लोगों की वाणी में कठोरता होती है, जो हर किसी से उखड़ कर गुस्से में ही बात करते हैं उनके पास देवी लक्ष्मी कभी नहीं टिकती. इसीलिए अगर आप के अंदर यह आदत है तो फौरन इसे छोड़ दें. क्योंकि कड़वा बोलने से आपका सिर्फ नुकसान ही है.

सूर्योदय के बाद सोने वाले लोग

जो लोग सूर्योदय होने के बाद भी सोते ही रहते हैं व देरी से उठते हैं. वे कभी भी अमीर नहीं बन सकते. साथ ही चाणक्य नीति के मुताबिक जो लोग सूर्यास्त के समय भी सोते है उनकी भी आर्थिक तरक्की का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है.

जो दांतों को नहीं रखते साफ

चाणक्य नीति में कहा गया है कि जो लोग अपने दांतों की सफाई नहीं रखते हैं या अपने दांत साफ नहीं रखते उन्हें भी सारी ज़िंदगी लक्ष्मी से वंचित रहना पड़ता है. और ऐसे लोग चाहकर भी अमीर नहीं बन पाते.

अत्यधिक खाने वाले

ज़रुरत से ज्यादा पूरा दिन खाते रहने वाले लोग भी अमीर नहीं बनते हैं क्योंकि कहा जाता है कि ज़ररुत से ज्यादा बेहिसाब भोजन करने से मनुष्य दरिद्र बनता है.

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