चाणक्‍य नीति: बात-बात पर रो देने वाली महिलाएं, परिवार के लिए होती हैं बेहद शुभ

आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्‍त्र, कूटनीति, राजनीति के अलावा घर-परिवार से जुड़ी बेहद काम की बातें भी बताई हैं

Update: 2022-05-23 04:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्‍त्र, कूटनीति, राजनीति के अलावा घर-परिवार से जुड़ी बेहद काम की बातें भी बताई हैं. चाणक्‍य नीति में बताई गई ये बातें घर को स्‍वर्ग बना देती हैं, पति-पत्‍नी के रिश्‍ते को बेहद मजबूत करती हैं और जीवन में हर सुख पाने का तरीका बताती हैं. आचार्य चाणक्‍य द्वारा बताए गए उपाय जहां पति-पत्‍नी के रिश्‍ते को बेहद मजबूत करती है, वहीं जीवन में हर सुख-सुविधा पाने का भी तरीका बताती हैं. आचार्य ने अपने नीतिशास्‍त्र में महिलाओं के बारे में भी बहुत कुछ लिखा है. आपने देखा होगा कि कई महिलाओं में बात-बात पर रोने की आदत होती है. चाणक्‍य नीति के मुताबिक ऐसी महिलाएं घर-परिवार के लिए बेहद शुभ साबित होती हैं.

1. बार-बार रोने वाली महिलाएं 
चाणक्‍य नीति के मुताबिक, बात-बात पर रोने वाली महिलाएं अपने पति-परिवार से दूर नहीं होना चाहती हैं. उनकी यह भावना परिवार को जोड़े रखने के लिए बहुत अच्‍छी होती है. महिलाओं के रोने या चिल्‍लाने से उनके अंदर तनाव या गुस्‍सा इकट्ठा नहीं होता है, इससे वे किसी बात को मन में नहीं बिठातीं हैं. साथ ही लोगों को जल्‍दी माफ भी कर देती हैं. बात-बात पर रो देने वाली महिलाएं कभी किसी का भी दिल नहीं तोड़ती हैं. वे हमेशा दूसरों की भावनाओं का ख्‍याल रखती हैं.
2. धार्मिक कार्यों में रूचि
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिन स्त्रियों की धार्मिक कार्यों में रूचि होती है, उनका मन शांत होता है. ऐसी महिलाएं तरक्की या सफलता पाने के लिए एकाग्र होती है. नीति शास्त्र के अनुसार, ऐसी स्त्रियों को दूसरों की सफलता या असफलता परेशान वहीं करती है, वह सिर्फ अपने जीवन के उद्देश्य में मग्न होती हैं.
3. अनुशासन में रहना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो स्त्रियां अनुशासन में रहती हैं वह जल्दी सफलता हासिल करती हैं. कहते हैं कि ऐसी महिलाएं दूसरे के लिए प्रेरणा होती हैं. नीति शास्त्र के अनुसार, अपने सपनों और कार्यों को पूरा करने के कारण इस स्वभाव की महिलाओं को परिवार के सदस्यों के साथ समाज में भी खूब मान-सम्मान मिलता है.
4. मन में किसी के प्रति बैर नहीं
आचार्य के मुताबिक, जो महिलाएं बता-बात पर रोती व चिल्‍लाती हैं, उनके अंदर तनाव व गुस्‍सा इकट्ठा नहीं होता है. इससे वे बीमारियों से भी बचती हैं. साथ ही वे किसी बात को मन में नहीं बिठातीं हैं और वे लोगों को जल्‍दी माफ भी कर देती हैं. इनके मन में न तो किसी के प्रति बैर होता है और न ही ये किसी से दुश्‍मनी रखती हैं.


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