Chanakya Niti : इन लोगों पर दूसरों के दुख और दर्द का नहीं होता कोई असर
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति ग्रंथ में ऐसे कुछ लोगों का जिक्र किया है, जिन्हें दूसरों के दुख और दर्द की कोई परवाह नहीं होती. ऐसे लोगों से दयाभाव और इंसानियत की उम्मीद करना ही बेवकूफी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक राजा पूरी प्रजा को एक समान दृष्टि से देखता है. वो कानून के नियमों से बंधा होता है और न्याय के समय वो कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकता. इसलिए एक राजा से कभी दुख और भावनाओं को समझने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
यमराज जब किसी के प्राण हरने आते हैं तो कभी दुख और भावना के बीच नहीं फंसते. अगर वो इन बातों की परवाह करेंगे तो कभी किसी की मृत्यु ही नहीं होगी.
एक भिखारी जब भीख मांगता है तो उस समय वो सिर्फ अपने स्वार्थ को पूरा होते देखना चाहता है. उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पर उस समय क्या बीत रही है या आप किस स्थिति से गुजर रहे हैं.
चोर जब चोरी करने जाता है तो चाहे किसी को कितना ही परेशान क्यों न देखे, उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता. वो बस अपने काम का सामान चुराता है और निकल जाता है. इस दौरान उसके सामने अगर कोई परेशानी पैदा करे तो वो उसको नुकसान पहुंचाने से भी गुरेज नहीं करता.
एक वैश्या से भी दूसरों के दुख को समझने की उम्मीद करना बेवकूफी है. वैश्या सिर्फ अपने काम से मतलब रखती है, उसे आपकी किसी चीज की परवाह नहीं होती.