Chanakya Niti : ये 4 बातें पल भर का सुकून देती हैं, इन पर आश्रित न होने में ही समझदारी
आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में कुछ ऐसी चीजों का वर्णन किया है, जो व्यक्ति को कुछ समय का सुख देने वाली होती हैं. आचार्य का मानना था कि ऐसी चीजों पर आश्रित होने का मतलब स्वयं को कष्ट देना है क्योंकि ये सुख क्षणिक होते हैं. यहां जानिए ऐसी चीजों के बारे में.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में कुछ ऐसी चीजों का वर्णन किया है, जो व्यक्ति को कुछ समय का सुख देने वाली होती हैं. आचार्य का मानना था कि ऐसी चीजों पर आश्रित होने का मतलब स्वयं को कष्ट देना है क्योंकि ये सुख क्षणिक होते हैं. यहां जानिए ऐसी चीजों के बारे में.
जब तेज धूप हो और आकाश में अचानक बादल आ जाए, तो बहुत अच्छा महसूस होता है, लेकिन जैसे ही बादल हटते हैं, फिर से तेज धूप चुभने लगती है. ऐसी खुशी पलभर की होती है, जो कुछ समय में लुप्त हो जाती है. इनकी ओर आकर्षित नहीं होना चाहिए. क्षणिक सुख के प्रति आसक्ति स्वयं को कष्ट देने के समान है.
आचार्य चाणक्य का मानना था कि बुरे व्यक्ति की दोस्ती और दुश्मनी दोनों ही बुरी होती है. ऐसे लोगों की दोस्ती अगर आपको कुछ लाभ देती भी है, तो वो भी किसी स्वार्थवश ही होगी. जिस दिन आप उसके काम के नहीं होंगे, उस दिन वो निश्चित तौर पर आपको धोखा दे देगा. ऐसे लोगों से ज्यादा मतलब न रखने में भलाई है.
बुरे व्यक्ति के प्रेम में नहीं पड़ना चाहिए. ऐसे लोग अपने मूल स्वभाव को नहीं भूलते. वे आपको क्षणिक सुख दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक आपको खुशी कभी नहीं दे पाएंगे.
बड़बोले लोग बड़ी बातें बोलकर क्षणिक सुख दे सकते हैं, बड़े काम करने वाले काम को करके दिखाते हैं, बोलते नहीं. इसलिए बड़बोले लोगों के जाल में नहीं फंसना चाहिए. ये लोग उस तिनके के समान हैं, जो आग क्षण भर के लिए तो जला सकते हैं, लेकिन उसके बाद फिर से अंधकार का ही सामना करना पड़ता है.