Chanakya Niti : युवाओं की ये 3 बुरी आदतें पूरा जीवन कर देती हैं बर्बाद
आचार्य चाणक्य का भी मानना था कि अगर आप अपनी युवावस्था के महत्व को नहीं समझे, तो जीवन में पछतावे के अलावा कुछ शेष नहीं बचता. जानिए युवावस्था की वो आदतें जो आपका पूरा जीवन बर्बाद कर सकती हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।
युवावस्था जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. इसमें व्यक्ति के पास ताकत, सामर्थ्य, हिम्मत और जुनून सब कुछ होता है. इसलिए व्यक्ति को युवावस्था के महत्व को समझना चाहिए और अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर होना चाहिए. आचार्य चाणक्य का भी मानना था कि अगर आप अपनी युवावस्था के महत्व को नहीं समझे, तो जीवन में पछतावे के अलावा कुछ शेष नहीं बचता. युवावस्था में व्यक्ति जो कुछ भी अर्जित करता है, बुढ़ापे में वहीं उसका सहारा बनता है.
इसलिए युवावस्था के दौरान हर व्यक्ति को अपने भविष्य को लेकर सजग रहना चाहिए और सही रणनीति बनाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए. लेकिन कुछ आदतें युवाओं के जीवन को बर्बाद कर देती हैं. आचार्य चाणक्य ने ऐसी तीन आदतोंं के बारे में चाणक्य नीति में बताया है. यदि व्यक्ति इन आदतों को समय रहते दूर कर ले तो अपने भविष्य को उज्जवल कर सकता है.
आलस
आलस सिर्फ युवाओं का ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति का शत्रु होता है. ये सिर्फ आपके समय को बर्बाद करने का काम करता है. चाणक्य का मानना था कि युवाओं के जीवन में आलस का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. युवाओं को जीवन हमेशा अनुशासन के साथ जीना चाहिए और अपने सोने और जागने का समय तय करना चाहिए. ताकि आलस उन पर हावी न हो सके और वे अपने मूल्यवान समय का सदुपयोग कर सकें.
नशा
नशा करने की आदत भी युवाओं के लिए अभिशाप है. नशे से आर्थिक हानि तो होती ही है, साथ ही व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से कमजोर हो जाता है. नशा व्यक्ति को गलत संगत में ले जाता है. हर तरह से सक्षम होने के बावजूद भी ऐसा शख्स अपना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाता. ऐसा व्यक्ति अपने वर्तमान को तो बिगाड़ता ही है, साथ ही भविष्य को भी खराब कर लेता है.
गलत संगत
चाणक्य नीति कहती है कि संगत का असर व्यक्ति पर जरूर पड़ता है. यदि व्यक्ति गलत लोगों के बीच में बैठेगा तो उसमें भी गलत आदतें जरूर आएंगी. इसलिए हर व्यक्ति को अपनी संगत को लेकर सजग होना चाहिए. गलत लोग आपको लक्ष्य से भटकाते हैं और आपके जीवन को अंधकार की ओर ले जाते हैं. इसलिए हमेशा सही संगत में रहिए.