Chanakya Niti : ऐसे लोग दर-दर भटकते हैं..... लेकिन इनके हाथ कभी कुछ नहीं लगता

आचार्य चाणक्य महान व्यक्तित्व के धनी थे. आज के समय में भी उन्हें एक बेहतरीन लाइफकोच के रूप में देखा जाता है. आचार्य की नीतियां आपको कई संकटों से बचाती हैं और जीवन जीने की कला सिखाती हैं. यहां जानिए आचार्य की कही वो बातें जो जीवन में आपके बहुत काम आ सकती हैं.

Update: 2022-03-01 02:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।

आचार्य के मुताबिक जिन लोगों ने कभी विद्या अर्जित न की हो, ज्ञान में कोई रुचि न हो, तपस्या से कोई लेना देना न हो, दान देने का महत्व वो जानते न हों, अच्छे आचरण और गुणों से दूर हों, ऐसे लोगों का जीवन व्यर्थ होता है. ये जब तक जीवित रहते हैं, धरती पर दर दर भटकते हैं, लेकिन मरते दम तक इन्हें कुछ भी हासिल नहीं होता. ये लोग वास्तव में धरती पर बोझ की तरह होते हैं.
आचार्य का मानना था कि गुणकारी चीज अगर गंदगी में भी होती है, तो भी उसके प्रभाव समाप्त नहीं होते हैं. इसलिए सोना अगर गन्दगी में भी पड़ा हो तो उसे उठा लेना चाहिए, वो वक्त पर आपके काम आएगा. विष में पड़ा अमृत भी निकाल लेना चाहिए. इसी तरह अगर कमजोर कुल मे जन्म लेने वाला व्यक्ति ज्ञानी है तो उससे ज्ञान लेने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए और अगर नीच कुल की कन्या महान गुणों से परिपूर्ण है तो उसे अपनाने में संकोच नहीं करना चाहिए.
आचार्य का मानना था कि क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन होता है, क्योंकि वो व्यक्ति का विवेक हर लेता है. ऐसे में व्यक्ति गलत फैसले लेता है और स्वयं ही अपना पतन करता है. इसलिए व्यक्ति को क्रोध से बचना चाहिए.
अगर अपने बुढ़ापे में संतुष्ट होकर जीना चाहते हैं, तो अपनी कन्या का विवाह अच्छे खानदान को देखकर करें, संतान को अच्छे से शिक्षित करें और मित्रों को धर्म कर्म के काम में लगाएं. ऐसा करने से ही आपका जीवन सफल हो सकता है.
अगर आपको वाकई खुद की पहचान बनानी है तो दूसरों पर कभी आश्रित मत रहिए. दूसरों पर आश्रित रहने वाले लोग कभी अपनी दम पर कोई काम नहीं कर पाते. उनका आत्मविश्वास बहुत कमजोर हो जाता है और उन्हें बार बार अपमानित होना पड़ता है.


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