Chanakya Niti : माता पिता को बच्चों के समक्ष ऐसा व्यवहार प्रस्तुत नहीं करना चाहिए, जाने

आचार्य ने जीवन में जो भी अनुभव प्राप्त किए, उनके निचोड़ को अपनी रचनाओं के जरिए लोगों के लिए प्रस्तुत किया है. यहां जानिए आचार्य के ग्रंथ नीति शास्त्र में उन्होंने बच्चों की प​रवरिश को लेकर क्या कहा है.

Update: 2021-12-24 02:25 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है. आचार्य ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किए लेकिन कभी परिस्थितियों के सामने घुटने नहीं टेके. जीवन के अनुभवों को लेते हुए वे आगे बढ़ते रहे. आचार्य ने अपनी तीक्ष्ण बुद्धि और अनुभवों की बदौलत ऐसे ऐसे काम किए, जिनके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है. नंदवंश का नाश करके मौर्य वंश की स्थापना करवाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है.

आचार्य ने जीवन में जो भी अनुभव प्राप्त किए, उनके निचोड़ को अपनी रचनाओं के जरिए लोगों के लिए प्रस्तुत किया है. आज भी आचार्य के नीति शास्त्र ग्रंथ को लाइफ मैनेजमेंट की बेस्ट बुक्स में गिना जाता है. इसमें उन्होंने धन, रिश्ते, राजनीति, कूटनीति, समाज आदि तमाम मुद्दों के बारे में लिखा है. आचार्य ने बच्चों की परवरिश को लेकर भी माता पिता को सीख दी है. यहां जानिए ऐसे व्यवहार के बारे में जिसका उदाहरण किसी भी माता पिता को बच्चों के समक्ष प्रस्तुत नहीं करना चाहिए.
अनुशासनहीनता
बच्चों के सामने कभी भी अनुशासनहीनता का परिचय न दें. याद रखें बच्चे अबोध होते हैं. उनके लिए उनके माता पिता ही पहली पाठशाला होते हैं. वो वहीं सीखते हैं, जो उनके माता पिता उनके सामने उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत करते हैं. अगर आप बच्चों के सामने अनुशासनहीनता का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे तो बच्चे निरंकुश हो जाएंगे और भविष्य में आपको ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
झूठ बोलना
कई बार माता पिता तमाम बातों को छिपाने के लिए बच्चे को झूठ बोलने के लिए कहते हैं. लेकिन अगर बच्चे ने एक बार झूठ बोलना सीख लिया, तो वो भविष्य में हमेशा झूठ का सहारा लेगा. आपसे भी झूठ बोलेगा. ऐसे में आपको शर्मिंदगी भी उठानी पड़ सकती है. इसलिए न झूठ बोलें और न ही बच्चों को बोलने दें.
अमर्यादित व्यवहार
बच्चों के सामने कभी भी गलत शब्दों का इस्तेमाल न करें. आप चाहे किसी भी परिस्थिति में उन शब्दों को बोलें, लेकिन बच्चे आपकी उस परिस्थिति को नहीं समझेंगे, वे सिर्फ आपके शब्दों का अनुसरण करेंगे और उसी तरह के गलत शब्द बोलना सीख जाएंगे. इसलिए बच्चों के सामने कभी अमर्यादित व्यवहार प्रस्तुत न करें.
पत्नी का अपमान
कभी अपनी पत्नी का अपमान न करें, न ही पत्नी को पति का अपमान करना चाहिए. बच्चे रिश्तों की अहमियत को भी माता पिता से ही सीखते हैं. यदि आप एक दूसरे के सम्मान का खयाल नहीं रखेंगे, तो आपका बच्चा भी ऐसा ही करेगा. इसलिए हमेशा सभी रिश्तों का सम्मान करें.


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