Chanakya Niti : बुरे समय में व्यक्ति को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानिए

आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में बताया कि व्यक्ति को अपने बुरे समय में धैर्य से काम लेना चाहिए. उन्होंने अपनी किताब में बताया है कि बुरे समय में व्यक्ति को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

Update: 2021-09-04 01:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य एक कुशल रणनीतिकार, अर्थशास्त्री और कूटनीतिकार थे. उन्होंने अपने जीवन काल में कई सारे ग्रंथों के बारे में लिखा था. चाणक्य ने अपनी कूटनीति से चंद्र गुप्त मौर्य को सम्राट बनाया था. उन्होंने अपनी शिक्षा तक्षशिला विश्वविद्यालय से ली थी और बाद में बतौर शिक्षक पढ़ा रहे थे. उन्होंने अपनी किताब नीतिशास्त्र में जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में बताया है.

चाणक्य ने नीतिशास्त्र में सैद्धांतिक और वैवाहरिक ज्ञान के बारे में बताया हैं. उन्होंने बताया कि जीवन में हार जीत का श्रण आता है. इस दौरान व्यक्ति को सयंम रखने की जरूरत होती है. चाणक्य के अनुसार बुरे समय में व्यक्ति के पास चुनौतिया बड़ी होती है और अवसर बहुत कम होते हैं. ऐसे में जरा सी लापरवाही आपकी परेशानी को बढ़ा सकती है. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में बताया है कि व्यक्ति को बुरे समय में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
ठोस रणनीति
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को मुश्किल के समय में ठोस रणनीति बनाने की जरूरत होती है. जब व्यक्ति उस संकट से उभरने की रणनीति बना लेता है तो उस नीति के हिसाब से चरणबद्ध तरीके से चलता है और अंत में विजय प्राप्त करता है.
परिवार के प्रति जिम्मेदारी
चाणक्य नीति के अनुसार परिवार के प्रति जिम्मेदारी निभाना आपका पहला कर्तव्य होना चाहिए. परिवार के लोगों का खयाल रखना चाहिए. मुश्किल के समय में परिजनों का साथ निभाना चाहिए. अपने परिजनों को हर मुसीबत से निकालने की कोशिश करनी चाहिए.
सेहत का ध्यान रखें
चाणक्य के अनुसार सेहत सबसे बड़ी पूंजी होती है और किसी भी परिस्थिति में सेहत का खयाल रखना बहुत जरूरी होता है. अगर आपकी सेहत अच्छी रहेंगी तो आप हर तरह की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. इतना ही नहीं शारीरिक और मानसिक चुनौतियों को मात दे सकते हैं.
धन का उचित प्रबंधन
चाणक्य के अनुसार मुसीबत के समय में धन सबसे बड़ा मित्र होता है. अगर आपके पास धन है तो बड़े से बड़े संकट से निकलने में सफल हो सकते हैं. चाणक्य के मुताबिक जिस व्यक्ति के पास संकट के समय धन का अभाव होता है उसके लिए संकट से उभर पाना बड़ा ही कठिन हो जाता है.


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