Chanakya Niti : जाने कुछ स्वभाव के लोग हमेशा प्रताड़ित किए जाते हैं…

आचार्य प्रकांड विद्वान, कुशल रणनीतिकार, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे. उन्होंने जीवन के हर पहलू का करीबी से अध्ययन किया और आजीवन लोगों की मदद की. उनकी ​नीतियां आज के समय में भी सटीक साबित होती हैं.

Update: 2021-07-31 01:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में कई ज्ञान की बातें बताई हैं. यदि आचार्य की कही बातों को समझकर आत्मसात किया जाए तो आप अपने आपको कई तरह की मुश्किलों से बचा सकते हैं और अपने जीवन को आसान बना सकते हैं. आचार्य की ​नीतियां व्यक्ति को सही और गलत में अंतर करना सिखलाती हैं और सदैव धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं.

बता दें कि आचार्य प्रकांड विद्वान, कुशल रणनीतिकार, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे. उन्होंने जीवन के हर पहलू का करीबी से अध्ययन किया और आजीवन लोगों की मदद की. आचार्य की बातें आज के समय में भी युवा पीढ़ी के लिए काफी काम की हैं. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति के सातवें अध्याय के बारहवें श्लोक में बताया है कि किस तरह के लोग अपने स्वभाव के कारण हमेशा परेशान किए जाते हैं.
नात्यन्तं सरलेन भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम्
छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य कहते हैं कि जिन लोगों का स्वभाव बहुत ज्यादा सीधा होता है, उनके लिए ये जीवन काफी कष्टकारी हो जाता है. इसका सीधा सा उदाहरण हैं जंगल में मौजूद पेड़. यदि आप नजर डालें तो देखेंगे कि जो पेड़ एकदम सीधे खड़े रहते हैं, सबसे पहले उन्हीं को काटा जाता है. ये बात इंसानों के लिए एक सबक है जिससे हर व्यक्ति को सीखना चाहिए.
चाणक्य कहते हैं कि जिन लोगों का स्वभाव जरूरत से ज्यादा सीधा, सरल और सहज होता है, उन लोगों के लिए समाज में शांति से रह पाना काफी मुश्किल हो जाता है. किसी का अहित न करने के बावजूद उन्हें फंसा दिया जाता है. चालाक और चतुर लोग उनका फायदा उठाने का मौका कभी नहीं छोड़ते.
ऐसे लोगों को समाज में कमजोर माना जाता है. इसलिए लोग उन्हें प्रताड़ित करते हैं. ऐसे लोग किसी से मतलब न रखते हुए भी परेशान किए जाते हैं क्योंकि सबको पता होता है कि ये किसी का कुछ बिगाड़ नहीं सकते. इसलिए हर व्यक्ति को थोड़ा चतुर और चालक होना बहुत जरूरी है ताकि समाज में रह रहे लोग उसका फायदा न उठा सकें. आप किसी का अहित न कीजिए, लेकिन खुद का और परिवार का हित करने का बुद्धि कौशल और ताकत दोनों जरूर रखिए. तभी आप अपने परिवार का पेट पाल पाएंगे और इस समाज में बुरे लोगों के बीच सुरक्षित रह पाएंगे.



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