चाणक्य नीति: हर रिश्ते में इन 3 बातों का रखें ध्यान..... नहीं आएगी रिश्तों में खटास
आचार्य चाणक्य को राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक मुद्दों का गहराई से ज्ञान था। यही कारण है कि आचार्य चाणक्य की गिनती इतिहास के विद्वानों में की जाती है। चाणक्य के द्वारा बताई गई नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य ने एक नीति में प्रेम संबंधों के बारे में भी बताया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य को राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक मुद्दों का गहराई से ज्ञान था। यही कारण है कि आचार्य चाणक्य की गिनती इतिहास के विद्वानों में की जाती है। चाणक्य के द्वारा बताई गई नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य ने एक नीति में प्रेम संबंधों के बारे में भी बताया है।
चाणक्य के अनुसार, किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए उसे आजाद रखना जरूरी होता है। बंदिशों से जुड़े रिश्ते मजबूत नहीं होते हैं।
1. सम्मान में कमी- चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति सम्मान चाहता है। ऐसे में अपने जीवनसाथी के आत्म सम्मान को कभी भी चोट नहीं पहुंचानी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से रिश्ते कमजोर होने लगते हैं।
2. अभिमान की जगह नहीं- चाणक्य कहते हैं कि प्रेम संबंध में अभिमान की जगह नहीं होनी चाहिए। अहंकार में लोग अपना व्यक्तित्व भूल जाते हैं और अपने साथी को कम अहमियत देने लगते हैं। जिसके कारण रिश्ते में दरार आने लगती है।
3. दिखावे से बचें- प्यार में दिखावे की जगह नहीं होनी चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि प्रेम सादगी से भरा होना चाहिए। जो लोग प्रेम में दिखावा करते हैं, उनके प्रेम संबंधों में कुछ समय बाद दरार आनी शुरू हो जाती है। चाणक्य कहते हैं कि मजबूत रिश्ते के लिए उसका आजाद होना जरूरती है। चाणक्य के अनुसार, जिन रिश्तों में आजादी नहीं होती, वहां रिश्ते कमजोर होने लगते हैं।