Chanakya Niti : इन 3 चीजों को किया नजरअंदाज, तो बर्बाद हो सकता है आपका जीवन
आचार्य चाणक्य का मानना था कि किसी भी चीज को अगर आप छोटा समझते हैं, तो उस मामले में आप लापरवाह हो जाते हैं. इसके बाद वही चीज आप पर हावी हो जाती है.
हर चीज की अपनी जगह और उपयोगिता होती है. यदि घर में सांप निकल आए तो लोग उसे मारने के लिए दौड़ पड़ते हैं, लेकिन अगर वही सांप शिवलिंग के आसपास बैठा हो, तो उसे देवता कहकर पूजने लगते हैं. ये बात सिद्ध करती है कि किसी भी चीज की कभी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए क्योंकि जगह और समय के हिसाब से उसका अपना महत्व होता है. कुछ ऐसा ही आचार्य चाणक्य का भी मानना था. आचार्य के अनुसार किसी चीज को छोटा समझ कर हम लापरवाह हो जाते हैं और फिर बड़ा नुकसान उठाते हैं.
आचार्य चाणक्य को आज भी प्रकांड विद्वानों में गिना जाता है. आचार्य विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और एक महान राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री थे. उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी और वहीं पर अध्यापक के पद पर रहकर विद्यार्थियों को शिक्षा भी प्रदान की. आचार्य ने अपने जीवन में अनेकों रचनाएं भी कीं, जिसमें से नीति शास्त्र बहुत लोकप्रिय है. आज भी लोग आचार्य की तमाम बातों से सीखने का प्रयास करते हैं. अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में आचार्य ने तीन ऐसी चीजों के बारे में बताया है, जिन्हें कभी छोटा समझने की गलती नहीं करनी चाहिए वर्ना पूरा जीवन बर्बाद हो सकता है.
1. ऋण लेना आसान होता है और देना उतना ही मुश्किल. अगर आप ऋण को हल्के में लेने की गलती करते हैं, तो ये दिनोंदिन बढ़ता जाता है और आपके लिए इसे चुकाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में इंसान बर्बादी की कगार पर पहुंच जाता है. इसलिए कोशिश करें कि ऋण लेने की जरूरत ही न पड़े और अगर किसी कारणवश कर्ज ले भी रहे हैं, तो इस मामले में गंभीर रहें और जल्द से जल्द इसे चुकाएं.
2. शत्रु अगर आपसे कमजोर भी है, तो भी उसे कभी छोटा समझने की गलती न करें. वो कमजोर भी है तो भी आखिर आपका शत्रु है, इसलिए उसे जब भी मौका मिलेगा वो अपना प्रहार करने से नहीं चूकेगा. इसलिए शत्रु को कमजोर समझकर कभी चैन से न बैठें. हमेशा सजग रहें और हर स्थिति में शत्रु से निपटने के लिए खुद को तैयार रखें.
3. किसी भी रोग को छोटा समझकर कभी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. एक बार आप लापरवाह हुए तो कब आपका रोग बढ़कर आपके लिए समस्या बन जाएगा, आपको इसका अंदाजा भी नहीं लगेगा. इसलिए शुरुआत में ही सचेत होकर उस रोग को बढ़ने से रोक दें और उसका सही इलाज कराएं.