Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने 5 ऐसी जगह बताई हैं, जहां कभी किसी को नहीं रहना चाहिए

हर व्यक्ति पर उसके माहौल का भी बड़ा प्रभाव होता है. वो जिस स्थान पर रहता है, उस स्थान का संबन्ध व्यक्ति की तरक्की से भी होता है. इसलिए रहने की जगह का चुनाव सोच समझकर करना चाहिए. आचार्य चाणक्य ने 5 ऐसी जगह बताई हैं, जहां कभी किसी को नहीं रहना चाहिए.

Update: 2022-02-03 02:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।

'यस्मिन देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बांधव:, न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत्' इस श्लोक में आचार्य ने 5 स्थानों का जिक्र किया है, इन स्थानों पर बुद्धिमान व्यक्ति कभी रहने का विचार भी मन में नहीं लाता.
जहां व्यक्ति का कोई सम्मान न हो, ऐसे स्थान पर उसे रहना ही नहीं चाहिए. सम्मान समाज में व्यक्ति का वो आभूषण है, जिसे वो वर्षों की मेहनत से प्राप्त करता है.
जिस स्थान पर कोई अपना व्यक्ति न हो, उस स्थान पर भी रहने का कोई लाभ नहीं है. जरूरत पड़ने पर आपके अपने ही काम आते हैं, इसलिए उस स्थान का चयन करें, जहां आपके अपने रहते हों.
जहां पर रोजगार का कोई साधन न हो, ऐसे स्थान पर रहना भी मूर्खता है. धन से ही व्यक्ति की आवश्यकताएं पूरी होती हैं. यदि धन कमाने का ही जरिया नहीं, तो व्यक्ति का रहना दूभर हो जाएगा.
जिस स्थान पर शिक्षा का कोई साधन न हो, वहां रहने का भी कोई लाभ नहीं है. ऐसे स्थान पर आपके बच्चे का जीवन भी प्रभावित होगा और आपकी पढ़ी लिखी बातों को वहां समझने वाला कोई नहीं होगा.
जिस जगह आपके सीखने लायक कुछ न हो, उस स्थान को भी त्याग देना चाहिए. मनुष्य का विकास तभी होता है, जब वो समय के साथ तेजी से सीखता है और आगे बढ़ता है.


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