चैत्र नवरात्रि 2021: नवरात्रि में यह काम न करें, इससे में हो सकता है नुकसान

नवरात्रि का त्योहार शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं. इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रही है

Update: 2021-04-08 08:03 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नवरात्रि का त्योहार शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं. इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रही है और 21 अप्रैल को इसका समापन होगा. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि- विधान से पूजी की जाती है. इस दौरान कई लोग व्रत रखते हैं. इन नौ दिन के दौरान व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को कुछ नियमों का पालन करना होता है. आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में.

1. नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले व्यक्ति को लहसुन, प्याज और मांस- मच्छली का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर आपने घर में कलश स्थापना, अखंड ज्योति जला रखी हैं या माता की चौकी का आयजन किया है तो घर को खाली न छोड़ें.
2. व्रत रखने वालों को नवरात्रि के दौरान दाढ़ी-मूंछ, बालों और नाखूनों को नहीं कटवाना चाहिए.
3. काले रंग के कपड़े पहनकर मां दुर्गा की पूजा- अर्चना न करें. इस जगह लाल और पीले वस्त्र पहन सकती हैं.
4. व्रत रखने वाले लोगों को चप्पल, जूते और बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
5. इस दौरान ब्रह्माचार्य का पालन करना चाहिए.
6. विष्णु पुराण के अनुसार, व्रत रखने वालों को नवरात्रि के दौरान दिन में नहीं सोना चाहिए.
7. नवरात्रि में उपवास करने वालों को फलहारी करना चाहिए. इन नौ दिनों तक अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. आप व्रत खोलने के लिए सिंघाडे का आटा, सेंधा नमक, आलू, मेवा, मूंगफली आदि का सेवन कर सकते हैं.
8. अगर व्रत रखने वाला व्यक्ति दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय किसी से भी बात नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से पूजा अधूरा मानी जाती है.
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना या कलश स्थापना किया जाता है. इसके बाद से अगले नौ दिन तक इस कलश की विधि- विधान से पूजा करें. इससे घर में सुख- समृद्धि आती है. कई लोग नवरात्रि में कलश नहीं बिठाते हैं. सिर्फ पूजा- पाठ और व्रत करते हैं. कलश बिठाने का शुभ मुहूर्त 13 अप्रैल 2021 को सुबह 5 बजकर 28 मिनट से 19 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. नवरात्रि के नौ दिन सच्चे मन से पूजा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है.


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