पितृपक्ष में इस दिन करें सोना-चांदी की खरीददारी, होगा धन लाभ
पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद पूर्णिमा तिथि के साथ पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है जो आश्विन मास की आमावस्या तिथि के साथ समाप्त होते हैं। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण किया जाता है। इस 16 दिनों के दौरान किसी भी तरह के शुभ, मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है।
पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद पूर्णिमा तिथि के साथ पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है जो आश्विन मास की आमावस्या तिथि के साथ समाप्त होते हैं। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण किया जाता है। इस 16 दिनों के दौरान किसी भी तरह के शुभ, मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इस दौरान सोना- चांदी या अन्य चीजों की खरीददारी में मनाही होती है। लेकिन श्राद्ध पक्ष के दौरान एक दिन ऐसा आता है कि उस दिन सोना-चांदी सहित अन्य चीजों की खरीददारी करने से धनतेरस से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को गजलक्ष्मी व्रत किया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के गजस्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। इस स्वरुप में मां लक्ष्मी गज यानी हाथी के आसन पर विराजमान होती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन और मंत्र जाप से उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जानिए सोना और चांदी खरीदने का समय।
गजलक्ष्मी व्रत 2022 मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 सितंबर, शनिवार को दोपहर 02 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो रही है जो 18 सितंबर, रविवार को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर गजलक्ष्मी व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा।
सोना चांदी खरीदना शुभ
लक्ष्मी को सुख-समृद्धि, धन और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। गजलक्ष्मी व्रत पर माता लक्ष्मी की पूजा करने के साथ-साथ सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सोना-चांदी खरीदने से आठ गुनाअधिक फलों की प्राप्ति होती है।