शनिदेव को अर्पित की जाती हैं काली वस्तुएं, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा होती है. पूजा के दौरान उन्हें काली वस्तुएं जैसे ​काले तिल, काली दाल और काले वस्त्र आदि अर्पित किए जाते हैं. ऐसा क्यों किया जाता है, यहां जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा.

Update: 2021-08-21 03:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आपने देखा होगा कि किसी भी मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा हमेशा काले रंग की होती है. इसके अलावा लोग उन्हें काले तिल, काली दाल, काला वस्त्र, लोहा आदि काली वस्तुएं ही दान करते हैं. ऐसे में आपके जेहन में भी ये सवाल जरूर आया होगा कि ऐसा क्यों किया जाता है. आखिर शनिदेव का काले रंग से क्या संबन्ध है और उन्हें काली वस्तुएं ही इतनी प्रिय क्यों हैं? शनिदेव के प्रिय काले रंग को लेकर एक पौराणिक कथा कही जाती है, जो उनके जन्म से जुड़ी हुई ​है. यहां जानिए उस कथा के बारे में.

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्य का विवाह दक्ष प्रजापति की पुत्री संध्या के साथ हुआ था. संध्या से ही सूर्यदेव को मनु, यमराज और यमुना नामक संतानें प्राप्त हुईं. कहा जाता है कि सूर्य ​इतने तेजस्वी थे कि संध्या के लिए उनके ताप को सहन कर पाना काफी मुश्किल होता था. इसलिए उन्होंने अपनी ही एक और प्रतिरूप छाया को बना दिया और स्वयं सूर्य लोक से अपने घर के लिए प्रस्थान कर गईं. छाया को देखकर सूर्यदेव उन्हें संध्या समझ बैठे.
कुछ समय बाद छाया गर्भवती हो गईं. गर्भधारण के समय से ही छाया भगवान शिव का कठोर तप करती थीं. इस कारण वे गर्भावस्था के दौरान खुद का ठीक से खयाल नहीं रख पाईं. कुछ समय बाद उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका रंग बहुत काला था और वो बच्चा बहुत कुपोषित था. काले पुत्र को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें अपनी संतान मानने से इनकार कर दिया. ये सुनकर शनिदेव को बहुत दुख हुआ और क्रोध भी आया.
चूंकि गर्भावस्था के समय छाया ने महादेव का तप किया था, इससे शनिदेव को मां के गर्भ में ही भगवान शिव की शक्ति प्राप्त हो गई थी. ऐसे में जब उन्होंने सूर्यदेव को क्रोध से देखा तो सूर्यदेव का वर्ण भी काला हो गया और वे कुष्ठ रोग से ग्रसित हो गए. इसके बाद सूर्य देव ने भगवान शिव से क्षमा याचना की और अपनी गलती स्वीकार की. इसके बाद उन्होंने शनि देव को सभी ग्रहों में शक्तिशाली होने का वर दिया.
चूंकि शनिदेव को काला वर्ण होने की वजह से ही सूर्य देव ने नकारा था, इसलिए शनिदेव ने इस उपेक्षित रंग को ही अपना प्रिय बना लिया. इसीलिए शनिदेव को काली चीजें अर्पित की जाती हैं और शनिवार के दिन काली वस्तुएं दान की जाती हैं. इतना ही नहीं किसी भी जरूरतमंद या उपेक्षित व्यक्ति की यदि आप मदद करते हैं तो भी शनिदेव प्रसन्न होकर आप पर कृपा बरसाते हैं.


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