Religion Spirituality: जगन्नाथ रथ यात्रा से पहले होती है सोने की झाड़ू से सफाई

Update: 2024-06-27 09:21 GMT
Religion Spirituality: भगवान जगन्नाथLord Jagannath की रथ यात्रा सभी भक्तों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसका पालन लोग भाव के साथ करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस यात्रा में शामिल होने से जीवन की सभी कठिनाइयों का अंत होता है। साथ ही जीवन में हर्षी आती है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का सनातन धर्म में बड़ा धार्मिक महत्व है। यह हर साल आषाढ़ माह के ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से बड़े सौभाग्य और भव्यता के साथ निकला है। यह पवित्र यात्रा बहुत लंबे समय से निकली जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल की शुरुआत 07 जुलाई से होगी। वहीं, इसका समापन 16 जुलाई को होगा। इस रथ यात्रा में बाबा जगन्नाथ और उनके बड़े भाई बलराम, छोटी बहन सुभद्रा शामिल होते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी हुई कई सारी ऐसी परंपराएं हैं, जिन्हें आज भी भक्ति के साथ मनाया जाता है। भगवान नियमों में से एक यात्रा से पूर्व सोने के हथठे वाली झाड़ू का उपयोग सफाई के लिए किया जाता है। बता दें, इस रहस्यमयी 
mysterious
परंपरा का लोग सालों से पालन कर रहे हैं, जिसमें आज भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। धार्मिक आस्था के अनुसार, इस अंधकार से हर कोई सफाई नहीं कर सकता। इस प्रथा में सिर्फ राजाओं के वंश ही भाग लेते हैं। इसके बाद वैदिक मंत्रों का जाप होता है और फिर रथ यात्रा शुरू की जाती है। सोने की झाड़ू से रास्ते की सफाई होने वाली शुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस अनुष्ठान के माध्यम से प्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की प्रति कृतज्ञता और भक्ति प्रकट होती है। साथ ही उनका मार्ग पूर्ण रूप से स्वच्छ और शुद्ध किया जाता है। वहीं, इस नियम का पालन करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव, ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा व्यक्ति को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।
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