चाणक्‍य नीति में बताई ये बातें जरूर मानें, वरना मरते समय होता है पछतावा

आचार्य चाणक्‍य ने चाणक्‍य नीति में कुछ ऐसे काम करने की सलाह दी है, जिन्‍हें व्‍यक्ति को अपने जीवन में सेहतमंद रहते ही कर लेना चाहिए, वरना बाद में बहुत पछतावा होता है

Update: 2022-01-16 05:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने धन-दौलत, तरक्‍की, मान-सम्‍मान, शत्रुओं पर जीत, रिश्‍तों समेत तकरीबन हर मुद्दे को लेकर बहुत काम की बातें बताईं हैं. साथ ही उन्‍होंने कुछ महत्‍वपूर्ण सलाह भी दी हैं, जिन पर अमल करने से व्‍यक्ति खुशहाल जीवन जीता है. आचार्य चाणक्‍य ने चाणक्‍य नीति में कुछ ऐसे काम करने की सलाह दी है, जिन्‍हें व्‍यक्ति को अपने जीवन में सेहतमंद रहते ही कर लेना चाहिए, वरना बाद में बहुत पछतावा होता है.

सेहतमंद रहते ही कर लें ये काम
- इंसान को अपनी जिंदगी में समाज के लिए कुछ अच्‍छे काम जरूर करना चाहिए. अपने काम-काज, परिवार के अलावा समाज के प्रति भी उसकी जिम्‍मेदारियां होती हैं लेकिन इन कामों को करने के लिए उसे बूढ़े होने का इंतजार नहीं करना चाहिए. क्‍योंकि कब कौनसी बीमारी घेर ले या मृत्‍यु से सामना हो जाए तो यह काम अधूरे ही रह जाएंगे. जबकि ये काम उसे न केवल मौजूदा जिंदगी में सम्‍मान दिलाते हैं, बल्कि अगले जन्‍म के लिए पुण्‍य भी देते हैं.
- धर्म शास्‍त्रों में कहा गया है कि व्‍यक्ति को हमेशा अपनी कमाई का एक हिस्‍सा दान-पुण्‍य में खर्च करना चाहिए. आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि दान-पुण्‍य करने के लिए व्‍यक्ति को अमीर होने या बूढ़े होने का इंतजार नहीं करना चाहिए. बल्कि कम आय में भी थोड़ा सा धन दान करना चाहिए. वरना मरते समय बहुत पछतावा होता है.
कल पर टालें काम
व्‍यक्ति को कोई भी महत्‍वपूर्ण काम बाद के लिए नहीं टालना चाहिए क्‍योंकि कब क्‍या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. ऐसे में अधूरा रह गया काम पछतावे का कारण बनता है.


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