Baikunth chaturdashi 2020 चातुर्मास के बाद निद्रा से जागकर काशी शिव शंकर से मिलने पहुंचे थे भगवान विष्णु
बैकुंठ चतुर्दशी का दिन कितना विशेष है ये बताने की जरुरत नहीं है. इस दिन दो देवों को एक ही साथ प्रसन्न कर विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | बैकुंठ चतुर्दशी का दिन कितना विशेष है ये बताने की जरुरत नहीं है. इस दिन दो देवों को एक ही साथ प्रसन्न कर विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है. भगवान शिव और नारायण दोनों की ही पूजा का विधान इस दिन होता है कहते हैं इस दिन चातुर्मास के बाद निद्रा से जागकर भगवान विष्णु काशी पहुंचे थे शिव शंकर से मिलने. इसीलिए इस दिन को हरि यानि विष्णु और हर यानि महादेव के मिलन का दिन माना जाता है. इस दिन भगवान शिव के समक्ष कुछ विशेष उपाय किए जाए तो अति शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है. तो चलिए जानते हैं बैकुंठ चतुर्दशी के दिन किए जाने वाले विशेष उपाय बैकुंठ चतुर्दशी पर करें ये उपाय
महामृत्युंजय का जाप
यूं तो हर सोमवार या फिर शिवरात्रि के पर्व के मौके पर भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है लेकिन बैकुंठ चतुर्दशी के दिन इस मंत्र का जाप करने से कई गुना फल प्राप्त किया जा सकता है. 108 बार इस मंत्र का जाप करें. अगर इस मंत्र का जाप करना कठिन हो तो ऊं नम शिवाय या फिर खाली ऊं शब्द का उच्चारण भी किया जा सकता है.
लगाएं ये भोग
बैकुंठ चतुर्दशी पर भोलेनाथ को घी, शक्कर और गेंहू के आटे से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. ये प्रसाद घर पर ही बनाया जा सकता है. इससे भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं
विधि विधान से करें पूजा
भगवान शिव की इस दिन पूरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. घी का दीपक जलाएं, धूप जलाकर नैवेद्य अर्पित करें, मंत्र का जाप कर कामना पूर्ति की प्रार्थना भगवान से करें.
शीघ्र विवाह के योग के लिए करें ये उपाय
अगर आपके विवाह में किसी तरह की अड़चनें आ रही हैं या फिर आप अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में किन्ही परेशानियों से जूझ रहे हैं तो इस दिन एक लोटे में जल लें और थोड़ा सा केसर मिला दें. इस जल को शिवलिंग पर चढ़ाएं. आपकी सभी समस्याओं का अंत हो जाएगा
शनि के दोष से मिलेगी मुक्ति
कहते हैं किसी जातक की कुंडली में शनि का दोष हो तो शिव की आराधना से विशेष फल प्राप्त किए जा सकते हैं. वहीं खास बात ये है कि इस बार बैकुंठ चतुर्दशी शनिवार के दिन ही है और इस दिन शिव की आराधना का कई गुना फल मिलेगा. काले तिल एक लोटे में लें, जल भरें और शिवलिंग पर अर्पित कर दें. इससे शनि के बुरे प्रभावों से आप बच सकेंगे.