Bada Mangal 2021: आज साल का पहला बड़ा मंगल... मंदिरों के पट बंद, ऐसे पाएं दर्शन लाभ
जेठ का मंगल: मंदिरों के पट बंद, करें आराध्य के दर्शन
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगलवार कहा जाता है। बड़े मंगलवार में हनुमानजी की पूजा की जाती है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। हनुमानजी भगवान शिव के रुद्र अवतार हैं और कलयुग के साक्षात देव। आज जेठ का पहला बड़ा मंगल हर बार से अलग है। लखनऊ शहर में आंशिक कोरोना कर्फ्यू चल रहा है। ऐसे में न तो हनुमान मंदिरों पर भक्तों की कतार होगी और न ही हवाओं में प्रसाद वाले बेसन के लड्डुओं की सोंधी मिठास होगी। जगह-जगह लगने वाले भंडारे भी नहीं दिखेंगे। मंदिर भले बंद हैं, लेकिन भक्तों की भक्ति नहीं। …तो परेशान न हों। हम आपको लखनऊ शहर के सभी प्रमुख हनुमान मंदिरों से उनके आराध्य के साक्षात दर्शन करवाएंगे।
हनुमान सेतु मंदिर
बाबा नीब करौरी वेद कर्मकांड शिक्षण संस्थान के प्राचार्य चंद्रकांत द्विवेदी के अनुसार, साल 1960 में बाढ़ की वजह से गोमती नदी के तट पर बने हनुमान मंदिर आश्रम को खासा नुकसान हुआ था। गोमती पुल भी गिर गया था। नया पुल बनाना शुरू तो किया गया पर मुंबई के एसबी जोशी लाख जतन करने के बाद भी खंभे नदी में नहीं रोक सके। तब स्थानीय लोगों के सुझाव पर बाबा नीब करौरी का आशीर्वाद लिया। आखिरकार पुल बिना बाधा के बन गया। बाबा से जब उनकी मनोकामना पूछी गई तो उन्होंने हनुमान महाराज का भव्य मंदिर बनवाने की सलाह दी। 26 जनवरी 1967 को नए हनुमान सेतु मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई।
समय: सुबह 6:30 और रात 8 बजे
अलीगंज पुराना हनुमान मंदिर
मंदिर के महंत गोपाल दास के अनुसार, अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि नवाब सआदत अली खां के बीमार होने पर मां छतर कुंवर ने हनुमानजी से मन्नत मांगी थी। नवाब के ठीक होने पर अलीगंज में 1798 में मंदिर बनवाया था। अब भी मंदिर के ऊपर चांद का निशान देखा जा सकता है।
आज क्या? मंदिर के प्रवेश द्वार बंद रहेंगे।
समय : सुबह 9 बजे और रात 9 बजे
अलीगंज का नया हनुमान मंदिर
अलीगंज के नए हनुमान मंदिर के संदर्भ में कहा जाता है कि जाटमल व्यापारी ने स्वयं प्रकट हनुमान प्रतिमा से मन्नत मांगी थी कि उसका इत्र और केसर बिक जाएगा तो मंदिर बनवाएगा। नवाब वाजिदअली शाह ने कैसरबाग को बसाने के लिए इत्र और केसर खरीद लिया। मन्नत पूरी होने पर जाटमल ने 1848 में ज्येष्ठ के पहले मंगलवार को हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करवाई थी।
समय: सुबह 7 बजे और शाम 6:45 बजे
छाछी कुआं हनुमान मंदिर
मान्यता है कि बाबा परमेश्वर दास जब अयोध्या से लखनऊ आए तो छाछी कुएं के पास धूनी जमाई। एक दिन कमंडल कुएं में गिर गया, जिसे निकालने पर छाछ और ताम्रपत्र के हनुमान प्रकट हुए। मंदिर के महंत बाबा अंजन दास ने बताया कि मान्यता के अनुसार मंदिर में तुलसीदास महाराज एक सप्ताह तक रहे थे।
समय: सुबह 4:30 बजे, दोपहर 1 बजे और रात 11 बजे
अमीनाबाद हनुमान मंदिर
अमीनाबाद का हनुमान मंदिर 1812 के लगभग लॉर्ड गवर्नर लाटूश ने स्थानीय हिंदुओं की मदद से बनवाया था। प्रधान पुजारी कृष्णकांत पाठक के अनुसार मंदिर में स्वयं प्रकट हनुमान महाराज की प्रतिमा स्थापित है।
समय: सुबह 7:30, दोपहर 12 बजे, शाम 7:30 बजे और रात 11 बजे