भाद्रपद मास की संकष्टी चतुर्थी पर जाने शुभ मुहूर्त और मंत्र
पंचांग के अनुसार रक्षाबंधंन का त्योहार सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। ये सावन मास का अंतिम दिन होता है |
पंचांग के अनुसार रक्षाबंधंन का त्योहार सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। ये सावन मास का अंतिम दिन होता है, इसके बाद से भाद्रपद मास की शुरूआत हो गई है। भाद्रपद मास को भादो के नाम से भी जाना जाता है। ये माह भगवन कृष्ण और भगवान गणेश के पूजन के लिए विशेषतौर पर समर्पित होता है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत रखने का विधान है। भादो मास की संकष्टी चतुर्थी का व्रत 25 अगस्त,दिन बुधवार को रखा जाएगा। आइए जानते हैं इस माह की संकष्टी चतुर्थी के व्रत की तिथि,मुहूर्त और भगवान गणेश के संकट हरने वाले मंत्रों के बारे में....
संकष्टी चतुर्थी की तिथि और मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का व्रत 25 अगस्त, दिन बुधवार को रखा जाएगा। हालांकि चतुर्थी तिथि 25 अगस्त को साम को 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी। लेकिन भगवान गणेश का पूजन दिन के समय करने का विधान है इसलिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत 25 अगस्त को ही रखा जाएगा। इस दिन बुधवार होने के कारण गणेश पूजन और भी फलदायी है क्योकिं बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित होता है। इस दिन गणेश पूजन से बुध ग्रह को भी मजबूत किया जा सकता है।
संकष्टी चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का जाप
भगवान गणेश विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता हैं, इनका पूजन करने से भक्त के जीवन से सभी कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं। इसलिए ही भगवान गणेश की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस संकष्टी चतुर्थी पर गणेश भगवान का पूजन इन मंत्रों का जाप कर करें, आपके जीवन की सभी बाधांए और परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में शुभता का आगमन होता है...
1. 'ॐ गं गणपतये नम' - जीवन में खुशहाली आगमन का मंत्र
2. 'ॐ वक्रतुंडाय हुं' – संकटहारी मंत्र
3. 'ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा' – रोजगार प्राप्ति का मंत्र
4. 'ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा' - जीवन में कलह और अशांति दूर करने का मंत्र
5. 'ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा' – सौभाग्य प्राप्ति का मंत्र