सावन महीने की शुरुआत में झारखंड के मंदिरों और धार्मिक स्थलों की रौनक हो गई गायब

सावन महीने की शुरुआत हो गई, लेकिन झारखंड के लगभग सभी धार्मिक स्थलों और मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहा. कोरोना के कारण जारी गाइडलाइंस के कारण मंदिरों में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है.

Update: 2021-07-25 15:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-  Ranchi: सावन महीने की शुरुआत हो गई, लेकिन झारखंड के लगभग सभी धार्मिक स्थलों और मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहा. कोरोना के कारण जारी गाइडलाइंस के कारण मंदिरों में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है. ऐसे में बाबा नगरी देवघर हो या रांची का पहाड़ी मंदिर, सभी जगह भक्तों की आवाजाही पर पाबंदी है.हालांकि, विधि और परंपरा के अनुसार मंदिर में पूजा-अर्चना जरुर हो रही है. लेकिन बगैर श्रद्धालुओं के सावन की रौनक फीकी ही है.

कोरोना संकट के मद्देनजर लगातार दूसरे साल सावन महीने में झारखंड के मंदिरों और धार्मिक स्थलों की रौनक गायब है. देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर, दुमका स्थित बाबा वासुकिनाथ धाम, रांची स्थित बाबा पहाड़ी मंदिर, खूंटी स्थित बाबा आम्रेश्वर धाम मंदिर, कोडरमा स्थित ध्वजाधारी पहाड़ी समेत अन्य सभी प्रसिद्ध शिव मंदिरों में सावन के महीने में इस साल सन्नाटा पसरा हुआ है.
देवघर में कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए श्रावणी मेले को स्थगित कर दिया गया है, नहीं तो सावन माह में लाखों लाख श्रद्धालु द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा वैद्यनाथ की नगरी देवघर पहुंचते थे, लेकिन इस वर्ष कांवड़ यात्रा पर भी पूरी तरह से रोक है. ऐसे में सावन के पहले दिन श्रद्धालुओं से पटा रहने वाला बाबा वैद्यनाथ का मंदिर प्रांगण सुनसान और वीरान दिखा. हालांकि परंपरागत पूजा पद्धति के अनुसार मंदिर में पूजा-पाठ जरुर चल रहा है.
कोरोना संकट के मद्देनजर इस बार भी श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम के ऑनलाइन दर्शन कर रहे हैं. बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान जिला प्रशासन की ओर से सुबह 4.45 से 5.30 बजे और संध्या 7.30 से 8.15 बजे तक ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है.
वहीं राजधानी रांची के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर के पट इस भी कोरोना को देखते हुए बंद रखे गए हैं. मंदिर में भक्त और श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित है. शिव भक्तों के लिए पहाड़ी बाबा के पूजन दर्शन की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है. ऑनलाइन पूजा के लिए 101 रुपये की राशि निर्धारित है. वहीं रुद्राभिषेक के लिए भी राशि तय की गई है.
वहीं खूंटी का बाबा आम्रेश्वर धाम भी बंद पड़ा है. भोले बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालु आ रहे हैं, लेकिन सरकारी गाइडलाइन के तहत सभी के मंदिर में प्रवेश वर्जित है. लिहाजा श्रद्धालु मंदिर के दरवाजे से ही शीश नवा कर निकल रहे हैं.


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