astrology news : रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद शयन से लेकर जागने तक का विधि विधान

ज्योतिष न्यूज़  : सनातन प्रेमियों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है सभी रामभक्ति में लीन है क्योंकि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम एक बार फिर से अपने महल में वापसी करेंगे जिसकी तारीख 22 जनवरी 2024 निधार्रित की गई हैं। अयोध्या में बन रे प्रभु राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम …

Update: 2024-01-12 06:32 GMT

ज्योतिष न्यूज़ : सनातन प्रेमियों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है सभी रामभक्ति में लीन है क्योंकि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम एक बार फिर से अपने महल में वापसी करेंगे जिसकी तारीख 22 जनवरी 2024 निधार्रित की गई हैं। अयोध्या में बन रे प्रभु राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है जिसमें देश के कई नामी और बड़े लोग शामिल होंगे। इस अनुष्ठान में प्रधानमंत्री मोदी भी शिरकत करेंगे।

रामलला की पहली आरती का सौभाग्य मोदी जी को ही प्राप्त हुआ है। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 16 जनवरी से आरंभ हो जाएगा। जिसमें धार्मिक अनुष्ठान, मंत्र जाप व अन्य पूजा विधि पूर्ण होंगी। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पूजा आराधना की संपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं। जानकारों के अनुसार अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में रामलला की पूजा अर्चना रामानंदी परंपरा से की जाएगी।

इस परंपरा में श्रीराम की बालक स्वरूप में पूजा होती है पूजन में लालन पालन, खान पान और पसंद का पूरा ध्यान रखा जाता है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी इसी परंपरा को जारी रखा जाएगा। पुजारी के अनुसार प्रभु राम के बाल स्वरूप को शयन से उठाने के बाद चंदन और शहद से स्नान कराया जाएगा। फिर दोपहर के समय विश्राम और संध्याकाल में भोग आरती के बाद शयन तक की कुल 16 मंत्रों की प्रक्रिया पूरी होगी। रामलला के अनुष्ठान उनके बाल स्वरूप को ध्यान में रखकर किए जाते हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रामानंदी परंपरा से भगवान की आराधना भक्तों को पुण्य प्रदान करने वाली होगी।

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