जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Ashadha Purnima Moonrise Time: हर माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर सन्ना-दान के साथ-साथ व्रत भी रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है. आषाढ़ माह की पूर्णिमा आज 13 जुलाई के दिन पड़ रही है. इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. आषाढ़ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खास महत्व बताया जाता है. आइए जानते हैं आषाढ़ पूर्णिमा की पूजा का सही समय और चंद्रोदय समय.
आषाढ़ पूर्णिमा चंद्रोदय समय
पूर्णिमा के दिन रखे जाने वाला व्रत रात में चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ही खुला जाता है. पूरा दिन निराहार रहकर व्रत रखा जाता है. बता दें कि आषाढ़ पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 जुलाई सुबह 4 बजकर 1 मिनट से होकर 13 जुलाई देर रात 12 बजकर 06 मिनट पर होगा. आज पूरा दिन में कभी भी पूजा की जा सकती है. वहीं चंद्रोदय का समय 13 जुलाई रात 8 बजकर 59 मिनट पर होगा.
आषाढ़ पूर्णिमा पूजन विधि
पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व बताया जाता है. अगर संभव न हो तो साधक पानी में थोड़ा सा गंगा जल डालकर भी स्नान कर सकते हैं. स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें. इसके बाद पूजा के स्थान पर बैठें और अपने ईष्ट देव की पूजा के साथ- साथ भगवान विष्णु की पूजा भी करें. साथ ही मां लक्ष्मी को फूल, सिंदूर और माला अर्पित करें और पूजा करें. पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को पीला चंदन लगाएं. किसी पीली मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद धूप, दीप जलाकर सत्यनारायण भगवान की कथा करें. आखिर में आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें.