बांके बिहारी जी मंदिर के अलावा वृन्दावन की इन जगहों पर जा सकते हैं आप

बांके बिहारी जी मंदिर के अलावा वृन्दावन

Update: 2023-07-01 08:01 GMT
घूमने-फिरने का शौक तो हम सभी को होता है और इसके लिए हम आए दिन तरह-तरह के प्लान बनाते रहते हैं। रोजमर्रा के कामकाज के कारण हम अक्सर छोटी-छोटी ट्रिप प्लान करना ही पसंद करते हैं। दिल्ली के आस-पास रहने वाले लोगों की बात करें तो हम वृन्दावन जाना पसंद करते हैं।
वृन्दावन की बात करें तो यहां हम बांके बिहारी जी के मंदिर दर्शन करने के लिए जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बांके बिहारी जी के दर्शन करने के बाद हम यहां मौजूद कई जगहों पर जा सकते हैं?
अगर नहीं तो आज हम आपको बताने वाले हैं वृन्दावन में मौजूद ईएसआई जगहों के बारे में जहां आपको भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी कई बातों के बारे में जानने को मिल जाएगी। साथ ही आप इन जगहों पर दर्शन के साथ-साथ थोड़ा घूम भी पाएंगे।
प्रेम मंदिर
यह मंदिर जगद्गुरु श्री क्रपालु जी महाराज द्वारा बनवाया गया है। वहीं इस मंदिर को बनाने की शुरुआत सन 2001 में की गई थी, लेकिन ये मंदिर पूरी तरह से तैयार फरवरी 2012 में हुआ था। बता दें कि यह मंदिर कुल 55 एकड़ तक फैला हुआ है। इस मंदिर में आपको भगवान श्री कृष्ण और राधा की कई प्रेम लीलाओं की झांकियां देखने को मिल जाएंगी। इस मंदिर में आप रात 8 बजे से पहले कभी भी आ सकती हैं
निधि वन
यमुना नदी के पास स्थित यह वन काफी बड़ा है। कहा जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्णा अपनी गोपियों के साथ बांसुरी बजाया करते थे और गोपियों के साथ रास-रचाते थे। बता दें कि इस वन में शाम के बाद जाना बिल्कुल मना है। ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जाता है कि इस वन में लगे वृक्ष रात के समय तुलसी के पेड़ से गोपियां बन जाती हैं और कन्हैया की धुन पर नाचने लगते हैं। इसका सच तो कोई नहीं जनता है।
इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन का मतलब  होता है। बता दें कि इस मंदिर में हरे कृष्ण हरे राम का जाप किया जाता है। वहीं इस मंदिर को श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में आपको कई भक्तजन कृष्ण लीला में लीन होकर नाचते-गाते नजर आ जाएंगे।
कर सकते हैं बोटिंग
भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग का वध किया था। यह कहानी तो आपने सुनी ही होगी। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण जब मित्रों संग खेल रहे थे तो उनकी गेंद यमुना नदी में जा गिरी और इसे निकालने के लिए वे नदी में कूद गये। दोस्तों के लाख मना करने के बाद जब वे पानी में गये तो कालिया नाग का वध कर ही लौटे थे। बता दें कि इस नदी का पानी आज भी काला है और यहां लोग आकर बोटिंग का लुत्फ़ उठाते हैं।
अगर आपको घूमने के लिए वृन्दावन की ये जगहें पसंद आई हों तो इस आर्टिकल को शेयर करना न भूलें। साथ ही, इस आर्टिकल पर अपनी राय हमें नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हरजिंदगी को फॉलो करें।
Tags:    

Similar News

-->