अंतर्यामी श्री राम ने सती को पहचान लिया पर लक्ष्मण खा गए धोखा, बहुत रोचक है कहानी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Sati And Shri Raam : रावण द्वारा सीता माता के हरण के बाद प्रभु श्री राम अपने भाई लक्ष्मण जी के साथ जंगल में भटकते हुए उन्हें खोज रहे थे, तभी भगवान शंकर सती माता के साथ उनके दर्शन को निकले और दूर से ही उन्हें देख कर सच्चिदानंद की जय हो कह प्रणाम करते हुए आगे चल पड़े. माता सती को बहुत ही अचरज किया कि जिनकी पूरा संसार वंदना करता है, ईश्वर मानता है वे ही साधु वेश धारी दो राजकुमारों को देख कर सच्चिदानंद बोल रहे हैं. सती को इस पर संदेह हुआ पर कहा कुछ नहीं. भगवान शंकर ने सब कुछ समझ लिया और कहा कि ये ही मेरे ईष्टदेव रघुनाथ हैं जिनका कथा अगस्त्य मुनि ने सुनाई थी. इन्हीं ने श्री राम के रूप में अयोध्या में अवतार लिया है, इस पर उन्होंने सती माता से कहा कि तुम अपना संदेह दूर करने के लिए खुद ही जाकर परीक्षा ले लो. शिव जी ने सोचा होगा वही जो विधाता ने रच रखा है. इधर सती ने बार बार मन में विचार कर सीता जी का रूप रखा और उस मार्ग पर चल पड़ीं जिस पर प्रभु श्री रामचंद्र जी आ रहे थे.