परीक्षा ऐसी चीज हैं जिससे अच्छे-अच्छे लोगों को खौफ हो जाता हैं। हर कोई चाहता हैं कि उसका परीक्षा में बेडापार हो जाये और बीच मझदार में फंसी नाव पार हो जाए। इसके लिए हर कोई मेहनत करता हैं लेकिन सफलता कुछ के ही हाथ लगती हैं। और हर कोई इसके पीछे का सक्सेस मंत्र जानना चाहता हैं। तो निश्चिंत रहिये क्योंकि आज हम आपके लिए लेकर आये हैं कुछ ऐसे उपाय जो आपको परीक्षा में सफलता प्राप्त करा सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप मेहनत करना छोड़ दें। मेहनत तो करनी ही हैं उसके साथ ये उपाय आपके लिए लाभदायक रहेंगे। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।
* परीक्षा का संबंध स्मरणशक्ति से है, जो बुध की देन है। बुध को मजबूत करने के लिए खूब सलाद और हरी सब्जियाँ खाएँ। गणेश जी के दर्शन करें। गाय को हरी घास खिलाएँ। कुंडली की स्थिति के अनुसार पन्ना पहनने से लाभ होता है। शंखपुष्पी का सेवन भी लाभ देता है।
* अध्धयन कक्ष में कॉपी किताबों को हमेशा उनकी नियत स्थान, बैग या अलमारी में ही सलीके से रखें, यह जरुर ध्यान रखें की पड़ाई की मेज, कुर्सी टूटी न हो, कापी, किताबें फटी न हो उन सभी पर जरा भी धूल मिटटी न रहे ,लगातार वहां पर साफ सफाई होती रहे ।
* परीक्षा भवन में मानसिक संतुलन का कारक है चंद्रमा! चंद्रमा का मजबूत होना आत्मविश्वास बढ़ाता है। सफेद वस्तु का सेवन करने से, दान करने से, शिव के दर्शन व शिव चालीसा पढ़ने से, कनिष्ठा ऊँगली में चाँदी का छल्ला पहनने से तथा चाँदी के गिलास में पानी पीने से चंद्र मजबूत होता है। कुंडली में चंद्र की स्थितिनुसार मोती पहनने से लाभ होता है।
* पड़ने की मेज पर खाना नहीं खाना चाहिए, खाना खाते समय पड़ाई की टेबिल पर कॉपी किताबें बंद करके, खाना खाने के लिए बनाये गए स्थान पर ही खाना चाहिए।
* जिन विद्यार्थियों को परीक्षा में उत्तर भूल जाने की आदत हो, उन्हें परीक्षा में अपने पास कपूर और फिटकरी रखनी चाहिए। इससे मानसिक रूप से मजबूती बनी रहती है और यह नकारात्मक ऊर्जा को भी हटाती हैं
* पढ़ाई में मन न लगने पर मंगलवार के दिन मसूर की लाल दाल लाल कपड़े की थैली में डालकर पॉकेट में रखें, पढ़ने में रुचि जागेगी।
* पुष्य नक्षत्र में ‘योगेश्वर श्रीकृष्ण प्रसन्नो भव:’ मंत्र को सुनहरी कैप वाले लाल रंग, लाल स्याही के पेन से 31 बार लिखें, 108 बार जाप करके अपने साथ ले जाएँ।
* अष्ट सरस्वती यंत्र को गले में धारण करवाने से भी विधार्थी की बुद्धि का विकास होता है।
* मोर का पंख अपने पास रखने से विधार्थी का अपने स्कूल कालेज में सम्मान बड़ता है।