भगवान विष्णु के पांच प्रसिद्ध मंदिर दर्शन करे होती हैं सभी मनोकामनाएं

भारत में हिंदू धर्म से जुड़े कई ऐसे चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र से ही लोगों के दु:ख पलक झपकते दूर होते हैं

Update: 2022-01-06 10:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में हिंदू धर्म से जुड़े कई ऐसे चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र से ही लोगों के दु:ख पलक झपकते दूर होते हैं. जगत के पालनहार माने जाने वाले भगवान विष्णु के कुछ ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

सनातन परंपरा में पंच देवों में से एक भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को जगत का पालनहार माना जाता है. भगवान विष्णु भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं. पौराणिक कथाओं में श्री हरि पूजा से कष्टों के दूर होने और उनकी कृपा बरसने के कई प्रसंग मिलते हैं. मान्यता है कि पृथ्वी पर जब-जब पाप बढ़ते हैं उसे दूर करने के लिए भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतार लेते हें. वैष्णव परंपरा को मानने वाले अपने आराध्य देव को अनंत शक्ति का धाम मानते हुए उनके अलग-अलग रूप में पूजते हैं. भगवान विष्णु के अलग-अलग स्वरूप या फिर कहें उनके अवतारों को समर्पित समर्पित अनेकों मंदिर हैं, जहां पर ​दर्शन-पूजन करने पर पुण्यफल की प्राप्ति होती है. आइए भगवान विष्णु के कुछ ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानते हैं.
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति बाला जी का विश्वप्रसिद्ध मंदिर है. तिरुपति बालाजी का वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है जो स्वयं भगवान विष्णु हैं. इसे देश के सबसे धनी मंदिरों में गिना जाता है. जिसके दर्शन के लिए प्रतिदिन देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्तगण पहुंचते हैं. मान्यता है कि कलयुग में भगवान विष्णु यहीं पर वास करते हैं. मान्यता है कि भगवान विष्णु के इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति कभी भी खाली हाथ नहीं जाता है.
ओडिशा राज्य के पुरी शहर में स्थित है भगवान श्री जगन्नाथ जी का पावन धाम स्थित है. प्राचीन सप्तपुरियों में से एक पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है, जिन्हें यहां लोग भगवान जगन्नाथ के नाम से बुलाते हैं, जिसका अर्थ पूरे जगत का नाथ या फिर कहें स्वामी होता है. भगवान विष्णु का यह मंदिर सनातन परंपरा से जुड़े चार प्रमुख धामों में से एक है. जहां पर हर साल भगवान जगन्नाथ की विशाल रथयात्रा निकलती है. जिसमें भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर यात्रा पर निकलते हैं.
केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर की गिनती भी देश के अमीर मंदिरों में होती है. इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजाओं ने बनवाया था. भगवान विष्णु का यह मंदिर अपने रहस्मयी खजाने के लिए देश-दुनिया में मशहूर है. यहां पर भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति है, जिसमें वे शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान है. पद्मनाभस्वामी मंदिर वैष्णव भक्तों के लिए एक बड़ा पावन धाम है, जहां पर जाकर दर्शन एवं पूजन से प्रत्येक विष्णु भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
चार प्रमुख धाम में से एक भगवान बद्रीनाथ का मंदिर भी भगवान विष्णु को ही समर्पित है. भगवान बद्रीनाथ का यह मंदिर उत्तराखंड राज्य में अलकनंदा नदी के किनारे दो पर्वत नर और नारायण के बीच स्थित है. यहां पर बद्रीनाथ भगवान की मूर्ति शालिग्राम शिला से बनी हुई है, जो कि चतुर्भुज मुद्रा में हैं. इस मंदिर में दक्षिण भारत के पुजारी उनकी पूजा करते हैं.
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में​ स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर भगवान विष्णु के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. जहां पर प्रतिदिन देश-विदेश से हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. बांके बिहारी को भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्रीकृष्ण और राधा का एकाकार विग्रह रूप माना जाता है. मान्यता है कि स्वामी हरिदास जी के अनुरोध पर भगवान कृष्ण और राधा ने ये रूप लिया था. जिसके बाद स्वामी हरिदास जी ने उनका बांके बिहारी देकर गुणगान किया था. मान्यता है कि भगवान विष्णु के इस विग्रह का दर्शन करने मात्र से ही जीवन से जुड़े सारे दोष और बाधाएं दूर हो जाती हैं और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है.


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