ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन अक्षय तृतीया को बेहद ही खास माना गया है पंचांग के अनुसार हर साल अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। इस तिथि को अबूझ मुहूर्त माना गया है यानी इस तिथि पर किसी भी शुभ कार्य और मांगलिक कार्य को बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर दान पुण्य, पूजा पाठ, तप जप व शुभ कार्यों को करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है इस दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है इसके साथ ही अक्षय तृतीया पर सोने के गहनो की खरीदारी करना भी उत्तम माना जाता है ऐसा करने से धन दौलत में वृद्धि होती है इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अक्षय तृतीया पर किए जाने वाली संपूर्ण पूजा विधि से आपको अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
अक्षय तृतीया पर पूजा विधि—
सनातन धर्म में सभी तिथियों में अक्षय तृतीया को विशेष माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा इस दिन परिवार की सुख समृद्धि और शांति के लिए व्रत भी किया जाता है
अक्षय तृतीया के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत अर्पित करें फिर श्वेत कमल के पुष्प, धूप दीपक और चंदन अर्पित करें इसके साथ ही विधिवत भगवान की पूजा करें। वही नैवेद्य के रूप में भगवान को जौ, गेंहू या सत्तु, ककड़ी, चने की दाल चढ़ाएं। इस दिन गरीबों को भोजन कराएं और उन्हें दान जरूर दें। माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है।