रुद्राक्ष में एक अनोखे तरह का स्पंदन होता है, जो सुरक्षा कवच का काम करता है. इसीलिए जो भी आदमी रुद्राक्ष धारण करता है, उसे यह निगेटिव ऊर्जा से बचाकर रखता है. हिन्दु धर्म में रुद्राक्ष के पेड़ और रुद्राक्ष के दाने दोनों का ही महत्व है. लगभग सभी हिंदू ग्रंथों में रुद्राक्ष का जिक्र देखने को मिलता है. जन्मकुंडली में जब मंगल ग्रह खराब होते हैं तो आदमी गुस्सैल और चिड़चिड़ा हो जाता है. साथ ही उसकी शादी आदि में भी बाधा आने की संभावनाएं हैं. यदि आपके साथ भी ऐसा ही कुछ है तो इस परेशानी से मुक्ति और सुखी वैवाहिक पाने के लिए 11 मुखी रूद्राक्ष मंगलवार के दिन सफेद धागे में गले में धारण करें. इस 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले आदमी के अंदर नेतृत्व गुणों का विकास होता है, यानी ये आदमी को नेतृत्व की क्षमता प्रदान करता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जानिए 11 मुखी रुद्राक्ष का महत्व
रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और इसकी पहचान क्या है
Rudraksha Benefits: रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शास्त्रों में रुद्राक्ष को भगवान शिव का ही रूप माना जाता है. मान्यता है कि रुद्राक्ष को धारण करने वाले लोगों के जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं, उनके ऊपर भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा रहती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई है. रुद्राक्ष धारण करने से धार्मिक ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य फायदा भी होता है. रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं. इन सभी रुद्राक्ष की अपनी एक अलग महिमा होती है. रुद्राक्षों में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष की भी अपनी महिमा है. महाशिवपुराण के मुताबिक इस 11 मुखी रुद्राक्ष को अपनी शिखा, यानी बालों में बांधने से या गले में धारण करने से उच्च पद की प्राप्ति होती है. आदमी राजा के समान सुख भोगता है. आदमी का मन शुद्ध रहता है. चलिए आज जानते हैं ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के फायदा और किन राशि वालों को यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए और इसकी पहचान क्या है.