ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य कई ऐसी अवस्थाओं से गुजरता है जिनमे इंसान का पतन निश्चित
इन चार अवस्थाओं में व्यक्ति बिगड़ता है,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मनुष्य कई ऐसी अवस्थाओं से गुजरता है जिनमे इंसान का पतन निश्चित है। चार अवस्थाओं में व्यक्ति बिगड़ता है, जिनमें जवानी,धन, अधिकार और अविवेक। ज्योतिष शास्त्र में यह कहा गया है कि इंसान के जीवन में किसी भी चीज की अति बुरी है।
अत्यधिक धन:
धन की प्राप्ति अवश्य ही करों, लेकिन धन उतना ही आवश्यक होना चाहिए, जिससे न तो व्यक्ति को मानसिक परेशानी खड़ी हो और न ही परिवार की सुख समृद्धि पर किसी तरह से आंच ही आए। आय से अधिक धन आने वाले व्यक्ति की औलाद बिगड़ सकती है, परिवार में क्लेष उत्पन्न हो सकता है
जवानी:
इसी तरह जवानी में व्यक्ति बिगड़ सकता है क्योंकि जवानी में न तो किसी की सुनने का ही प्रयास किया जाता है और न ही किसी बात का असर होता है। जिसने अपनी जवानी को संवार लिया, उसका पूरा जीवन सुधर गया।
अविवेक:
इसी तरह व्यक्ति का अविवेक भी उसकी परेशानी का कारण बनता है, इसलिए विवेक से ही व्यक्ति को कार्य करने की जरूरत होती है।
अधिकार:
किसी भी चीज पर अपना अधिकार नहीं जमाना चाहिए। सब कुछ ईस्वर का दिया हुआ है। इसलिए इंसान में मै और मेरा शब्द नहीं होना चाहिए।