भगवान शिव का इन तरीकों से करें अभिषेक
सावन मास में भगवान शिव का अभिषेक करना काफी शुभ माना जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन मास में भगवान शिव का अभिषेक करना काफी शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राभिषेक करने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। रुद्राभिषेक का मतलब हुआ है भगवान रुद्र का अभिषेक करना यानी शिवलिंग पर रुद्र मित्रों के साथ अभिषेक करना। सावन मास में रुद्राभिषेक करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए सावन माह में पड़ने वाले चारों सावन सोमवार पर अभिषेक किया जा सकता है। शिवलिंग में अभिषेक जल, दूध के अलावा कई चीजों से किया जाता है जिसका फल अलग-अलग होता है।
भगवान शिव का इन तरीकों से करें अभिषेक
सावन में करें भगवान शिव का जल से अभिषेक
भगवान शिव के बाल स्वरूप का ध्यान करते हुए शिवलिंग में चढ़ा चला सकते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह के दुखों से निजात मिल जाता है।
सावन में करें भगवान शिव का दूध का अभिषेक
शिवलिंग में दूध का अभिषेक करना शुभ माना जाता है। इससे शारीरिक और मानसिक सुकून मिलता है। इसके साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।
सावन में करें भगवान शिव का फलों के रस से अभिषेक
भगवान शिव को शुद्ध फलों के रस से भी अभिषेक करना शुभ माना जाता है। स्तुति करते हुए फलों के रस से अभिषेक करने से अखंड धन की प्राप्ति होती है।
सावन में करें भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक
ग्रह बाधा का नाश करने के लिए शिवलिंग में सरसों के तेल से अभिषेक करना शुभ होगा। सरसों का तेल चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। सरसों का तेल चढ़ाने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
भगवान शिव का करें चने की दाल का अभिषेक
भगवान शिव का ध्यान करते हुए चने की दाल का अभिषेक करने से हर तरह के कर्ज से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सावन में करें भगवान शिव का काले तिल से अभिषेक
भगवान शिव को काले तिल से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि मुट्ठी भर तिल भगवान शिव को चढ़ाने से हर कामना पूर्ण हो जाती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।
भोलेनाथ का करें शहद मिश्रित गंगा जल से रुद्राभिषेक
शहद मिश्रित गंगा जल से रुद्राभिषेक थोड़े से गंगाजल में शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं जिससे परिवारिक सुख शांति के साथ संतान की प्राप्ति होती है।