Jaya Ekadashi 2021: कल है जया एकादशी व्रत, भूलकर भी न करें ये काम

जया एकादशी व्रत 23 फरवरी को रखा जाएगा।

Update: 2021-02-22 03:25 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: जया एकादशी व्रत 23 फरवरी को रखा जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, जया एकादशी प्रति वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण जया एकादशी का महत्व बताते हुए कहते हैं कि माघ शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली जया एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है। इसका व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है। जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक जया एकादशी का व्रत रखता है वह ब्रह्म हत्या जैसे महापाप से भी छूट जाता है तथा भगवान विष्णु की कृपा से उसे जीवन के समस्त सुखों की प्राप्ति सहज ही हो जाती है। लेकिन इस दिन कई चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं एकादशी व्रत में क्या करना चाहिए और क्या नहीं..

एकादशी पर भूलकर न करें ये काम
ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है इसलिए इस दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें।
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दिखाता है। एकादशी के दिन खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करना चाहिए।
एकादशी के दिन संयम के साथ पति-पत्नी को ब्रह्राचार्य का पालन करना चाहिए इसलिए इस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनना चाहिए।
सभी तिथियों में एकादशी कि तिथि बहुत शुभ मानी गई है। एकादशी का लाभ पाने के लिए इस दिन किसी को कठोर शब्द नहीं कहना चाहिए। लड़ाई-झगड़ा से बचना चाहिए।
एकादशी का दिन भगवान की आराधना का दिन होता है इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और शाम के वक्त सोना भी नहीं चाहिए। इसके अलावा इस दिन न तो क्रोध करना चाहिए और न ही झूठ बोलना चाहिए।
जया एकादशी व्रत के लाभ
शास्त्रों में माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत का अधिक महत्व बताया गया है। इस दिन जातकों को दान अवश्य करना चाहिए। अगर संभव हो सके तो इस दिन गंगा स्नान करना चाहिए। विवाह के लिए माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करने पर यह कामना पूरी होती है। साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा व्रती को जीवन में धन, मान-सम्मान, अच्छी सेहत, ज्ञान, संतान सुख, पारिवारिक सुख,और मनोवांछित फल मिलता है। जया एकादशी व्रत का फल हमारे पूर्वजों को स्वर्ग में जगह दिलाता है।
जया एकादशी मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ : 22 फरवरी सायं 05:16 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त : 23 फरवरी सायं 06:05 बजे तक
जया एकादशी पारणा मुहूर्त : 24 फरवरी को सुबह 06:51 बजे से 09:09 बजे तक
अवधि : 2 घंटे 17 मिनट


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