मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये आसान उपाय, घर में आएगी समृद्धि
18 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पूजा, जप, तप और दान से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही पितरों को मोक्ष मिलता है।
18 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पूजा, जप, तप और दान से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही पितरों को मोक्ष मिलता है। इसके लिए पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं। तत्पश्चात, सूर्य देव को अर्घ्य देकर नदी में काले तिल प्रवाहित करते हैं। इस दिन पूर्णिमा व्रत करने का भी विधान है। शास्त्रों में निहित है कि पूर्णिमा तिथि को सत्यनारायण कथा श्रवण मात्र से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। साथ ही पूर्णिमा के दिन इन आसान उपाय को जरूर करें। इससे घर में सुख और समृद्धि आती है। आइए जानते हैं-
श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये,
धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।।
पूर्णिमा तिथि को पवित्र अथवा सरोवर में स्नान-ध्यान करना सर्वोत्तम माना जाता है। कोरोना काल में गंगाजल युक्त पानी से घर पर स्नान कर सकते हैं। इससे समस्त पापों का सर्वनाश होता है।
पूर्णिंमा के दिन तुलसी पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-ध्यान के पश्चात पूजा के समय भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी संग तुलसी का पूजन अवश्य करें। साथ ही संध्याकाल में तुलसी पौधे के नीचे शुद्ध घी के दीपक जलाएं।
सनातन धर्म में आम के पत्तों का तोरण और स्वास्तिक को शुभ माना जाता है। अतः पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह जरूर बनाएं। साथ ही आम के पत्तों का तोरण लगाएं। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन देवी और देवता पृथ्वी पर देव दिवाली मनाने आते हैं। इस अवसर पर गंगा नदी के किनारे गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। सामान्य दिनों में भी संध्याकाल में गंगा आरती की जाती है। अतः पूर्णिमा तिथि को संध्याकाल में दीपदान अवश्य करें। आप चाहे तो दीप जलाकर प्रवाहित भी कर सकते हैं।