पर्यटकों को 'अतिथि देवो भवः' की सार्थकता का अनुभव कराएंगे : नीतीश मिश्रा
पटना: बिहार मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में पर्यटन विभाग के 'मुख्यमंत्री होमस्टे, बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना-2024' के प्रस्ताव को मंजूरी मिली।
इस योजना के जरिए माना जा रहा है कि न केवल पर्यटकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। बिहार के पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने दावा किया कि वर्तमान में पर्यटन के विभिन्न आयामों का विस्तार हो रहा है, जिसमें ग्रामीण एवं इको पर्यटन मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
पर्यटन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए बिहार पर्यटन नीति-2023 को लागू की गई है। इस नीति के तहत आवासन के क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी क्रम में ग्रामीण एवं ईको पर्यटन स्थल के समीप पर्यटकों को आवासन की सुविधा तथा उन्हें मंगलमय परिभ्रमण एवं सुखद अनुभव प्राप्त करने के लिए 'होमस्टे, बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना-2024' की शुरुआत की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य देशी-विदेशी पर्यटकों को यात्रा के दौरान विश्राम के लिए आरामदायक एवं स्वच्छ बिहारी परिवेश के कमरे, बेड कम खर्च में उपलब्ध कराना है। जहां पर्यटकों को बिहार की संस्कृति, खान-पान एवं परंपराओं से रूबरू होने का अवसर मिल सके। इस योजना के तहत पर्यटकों को 'अतिथि देवो भवः' की सार्थकता का अनुभव होगा। साथ ही पर्यटन क्षेत्र में राज्यवासियों के लिए रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने योजना के बारे में बताते हुए कहा कि इस योजना के प्रथम चरण (अगले 5 क्रमिक वित्तीय वर्षों में) में 1,000 कमरों को होम स्टे में परिवर्तित किया जाना है। शहरी इलाके के पर्यटन स्थल से पांच किलोमीटर और ग्रामीण, इको पर्यटन स्थल से 10 किलोमीटर की परिधि में मकान मालिक या प्रमोटर को वित्तीय लाभ प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वित्तीय लाभ के तहत कमरे के उन्नयन के लिए बैंक से प्राप्त ऋण की राशि के ब्याज की पूर्ति पर्यटन विभाग करेगा। ऋण की राशि की अधिकतम सीमा 2.50 लाख रुपये प्रति कमरे तय की गई है। इसके साथ अन्य गैर वित्तीय लाभ के तहत इसका प्रचार-प्रसार विभागीय वेबसाइट एवं सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाएगा।