वन्यजीव सप्ताह: महात्मा गांधी के करुणा के संदेश से जुड़ा प्रकृति की रक्षा का संकल्प
नई दिल्ली: हर साल अक्टूबर के पहले हफ्ते में मनाया जाने वाला राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह हमें याद दिलाता है कि हमारी पृथ्वी सिर्फ इंसानों की नहीं, बल्कि उन अनगिनत प्रजातियों की भी है जो हमारे जंगलों, नदियों और पहाड़ों में बसती हैं। यह वह समय है जब हम प्रकृति के इन अनमोल खजानों को संरक्षित करने के लिए अपने कदम बढ़ाते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस धरा की विविधता का आनंद ले सकें। जब हम जंगल की नीरवता में पक्षियों की चहचहाहट सुनते हैं, तो यह हमें हमारे जीवन के वास्तविक धरोहर की झलक दिखाती है।
इस धरोहर को संजोने के लिए हमें वन्य जीवन संरक्षण के दीर्घकालिक उद्देश्यों के प्रति जागरूक होना होगा। इसी उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने 1952 में राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह की शुरुआत की थी। साल 1955 में इसको वन्यजीव दिवस के तौर पर आयोजित किया गया था। इसके दो साल बाद इसका नाम बदलकर वन्यजीव सप्ताह कर दिया गया था। वन्यजीव सप्ताह 2 से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है। इस दौरान पशु जीवन के संरक्षण को बढ़ावा दिया जाता है।
कुदरत में हर जीत एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई है। जब यह जुड़ाव सहज तौर पर रहता है तो यह पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखता है। कई बार यह पारिस्थितिक संतुलन लापरवाही से बिगड़ता है और कई बार जागरूकता के अभाव में। वन्यजीव को कोई भी नुकसान पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
इसलिए वन्यजीव सप्ताह लंबे समय से आम लोगों को वन्यजीवों के प्रति संवेदनशील बनाने, उनके प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने और इस जीवन को अर्थपूर्ण और सुंदर बनाने में अपना योगदान देने के प्रति जागरूकता पैदा करने का काम कर रहा है। वन्यजीव सप्ताह के दौरान जब साल 1981 में दाचीगाम नेशनल पार्क को जनता के लिए खोल दिया गया था तो पर्यटकों को पार्क की खूबसूरत जैव विविधता का दर्शन करने का मौका मिला था। इससे इस क्षेत्र के अनोखे वन्य जीवन को बेहतर समझने और सराहना करने में मदद मिली थी।
इस साल के राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह में भी ऐसे कई प्रोग्राम आयोजित किए जा रहे हैं। खासकर बच्चों को पक्षियों के जीवन को करीब से दिखाया जाएगा, ताकि उन्हें केवल पहचान से परे पक्षियों की गहरी समझ मिले। कुछ जूलॉजिकल गार्डन जनता के लिए कई तरह के मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इनमें बच्चों पर खास फोकस होगा। अगर आपका बच्चा जूलॉजी से मोहित है तो वन्यजीव सप्ताह में उसको वन्यजीवों के बारे में अपने ज्ञान का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।
वन्यजीव सप्ताह के लिए तारीखें 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक चुनी गई हैं। इसका गहरा अर्थ है क्योंकि यह महात्मा गांधी के जन्मदिन के साथ मेल खाती है, जिन्होंने अहिंसा और सभी जीवित प्राणियों के प्रति करुणा के सिद्धांतों का समर्थन किया था। यह सप्ताह यह महत्वपूर्ण याद दिलाता है कि हमें भारत के विविध वन्य जीवन की रक्षा और पोषण करने के लिए नैतिक जिम्मेदारी उठानी है।