नई दिल्ली: भादो का महीना चल रहा है। ऐसे में अगर इस महीने आपने कभी-भी दही या उससे बने पदार्थों का सेवन करने की कोशिश की होगी, तो जरूर आपके घर में आपको किसी बड़े-बुजुर्ग ने रोका होगा, लेकिन क्या आपके जेहन में कभी यह सवाल आया है कि आखिर भादो के महीने में ही क्यों दही या उससे बने पदार्थों के सेवन से रोका जाता है? इसके पीछे की वजह क्या है?
अगर नहीं, तो इस रिपोर्ट में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों भादो के महीने में ही दही या उससे बने पदार्थों का सेवन करने से हमें बचना चाहिए।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन के बाद भादो का महीना शुरू होता है। यह इस बार 23 अगस्त से लेकर 22 सितंबर तक रहने वाला है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह साल का छठा महीना होता है। इस महीने में दही सहित कई चीजों का खाना वर्जित बताया गया है। वैसे तो दही में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, लेकिन भादो के महीने में इसे विशेष रूप से खाने से मना किया जाता है। इस महीने अगर आप दही खाते हैं, तो इससे आपके स्वास्थ्य को फायदे की जगह नुकसान हो जाएगा।
आयुर्वेद भी स्पष्ट कहता है कि भादो के महीने में दही या उससे बने पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अगर आप बारिश के मौसम में दही खाते हैं, तो इससे आपके गले में कफ जम जाएगा। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में त्रिदोष की वजह से बीमारियां होती हैं जिसे वात, पित्त और कफ कहा गया है। इसमें से दही का इस महीने में सेवन कफ दोष को बढ़ाने वाला होता है। इस महीने में दही का सेवन करने से गले में खराश, सर्दी और जुकाम की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, कई और बीमारियां भी हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि भादो के महीने में दही में ज्यादा मात्रा में बेक्टरिया पाए जाते हैं, जो आपकी आंतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, यह आपके जोड़ों के दर्द की वजह भी बन सकता है, जिसे ध्यान में रखते हुए इसका सेवन करने से हमें बचना चाहिए। वहीं, इस माह में दही का सेवन करने से श्वास रोग की समस्या भी बढ़ सकती है। अगर आपको सांस लेने की दिक्कत है, तो इस मौसम में दही का सेवन करने से परहेज करें। इस महीने में दही का सेवन करने से आपके पाचन तंत्र भी प्रभावित हो सकते हैं। अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है, तो इस महीने दही का सेवन तो भूलकर भी ना करें। इसके अलावा, दही के अलावा कुछ भी खाएं, तो उसकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।