कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को क्यों किया दरकिनार? बीजेपी प्रवक्ता ने बताई पूरी कहानी
नई दिल्ली: हरियाणा में चुनावी माहौल गरम हो गया है, लेकिन कांग्रेस खेमे में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। खासकर कुमारी शैलजा की चुनाव प्रचार से दूरी ने कई आशंकाओं को जन्म दिया है। माना जा रहा है कि कुमारी शैलजा पार्टी द्वारा भूपेंद्र सिंह हुड्डा को तरजीह दिए जाने से नाराज हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कुमारी शैलजा की नाराजगी के पीछे की कहानी बताई।
आईएएनएस से बात करते हुए वडक्कन ने कहा कि कुमारी शैलजा दलित की बेटी हैं, उनकी उपेक्षा से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी दलितों के बारे में क्या सोचती है। शैलजा पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के समय से कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व की भूमिका में रही हैं। अपनी पार्टी और हरियाणा में उनका योगदान बहुत अच्छा रहा है। लेकिन हुड्डा के दबाव के कारण उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है।
वडक्कन ने कहा कि, "मुझे लगता है कि उनका असंतोष स्वाभाविक है, उन्हें भी मौका दिया जाना चाहिए। वह दलित की बेटी हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दलितों की याद नहीं आती, उन्हें लगता है कि हुड्डा साहब आएंगे, तो बहुत कमा कर लाएंगे, इसलिए कुमारी शैलजा को साइडलाइन किया गया है।"
वहीं, हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस को महिला विरोधी करार दिया। विज ने रविवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी में महिलाओं, दलितों का सम्मान नहीं है। मैंने एक बार कांग्रेस के एक पूर्व प्रधानमंत्री की किताब पढ़ी थी, इसमें महिलाओं के साथ उनके व्यवहार पर प्रकाश डाला गया था।
अनिल विज ने कहा, "कांग्रेस पार्टी में एक बड़ी महिला नेता के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया, अभद्र टिप्पणी की गई। यह कांग्रेस पार्टी के मूल्यों को दर्शाता है।"
'क्या कुमारी शैलजा भाजपा में आ सकती हैं, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुमारी शैलजा का स्वागत किया है', इस सवाल पर अनिल विज ने कहा, "संभावनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं दी जाती है, बाकी मनोहर लाल कुछ कह रहे हैं, तो कुछ तो होगा ही।"