नई दिल्ली: जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के 'राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान 2024' के साथ हाथ मिलाया है। इस अभियान को लेकर जल शक्ति मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त प्रयास से 'राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे डायरिया के कारण होने वाली बाल मृत्यु दर में कमी आएगी और ग्रामीण भारत के समग्र सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार होगा। यह सम्पूर्ण स्वस्थ और स्वच्छ भारत की दिशा में भारत के सभी गांवों को खुले में 'शौच मुक्त प्लस मॉडल' बनाने की दिशा में भी काम करेगा।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर. पाटिल ने कहा, "ग्रामीण स्वच्छता मिशन और 'राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान' के बीच तालमेल सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।" उन्होंने कहा कि सम्मिलित प्रयासों से "बाल मृत्यु दर में कमी आएगी और ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य और स्वच्छता की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा"।
24 जून को शुरू किए गए दो महीने लंबे 'राष्ट्रीय डायरिया रोको अभियान' का उद्देश्य डायरिया के कारण 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु को शून्य करना है। बता दें कि भारत में डायरिया से होने वाली मौत बाल मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है। इसके प्रमुख फोकस क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का रखरखाव सुनिश्चित करके स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की उपलब्धता शामिल है।
इसका उद्देश्य स्वच्छ जल और स्वच्छता तक पहुंच में सुधार लाना, कुपोषण से निपटने के लिए पोषण कार्यक्रमों को बढ़ाना और स्वच्छता शिक्षा को बढ़ावा देना भी है। इस पहल के पूरक के रूप में डीडीडब्ल्यूएस ने 1 जुलाई से 31 अगस्त तक ग्रामीण क्षेत्रों में 'सुरक्षित जल और स्वच्छता' पर जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। 'स्वच्छ गांव शुद्ध जल-बेहतर कल' अभियान का उद्देश्य गांव और पंचायत स्तर पर जागरूकता बढ़ाना और सुरक्षित जल एवं स्वच्छता प्रथाओं के उपयोग को बढ़ावा देना है।