विक्रमशिला-कटारिया रेल परियोजना से पूर्वी भारत को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी: रेल मंत्री

Update: 2024-08-11 03:27 GMT
नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत विक्रमशिला-कटारिया परियोजना से पूर्वी भारत और नेपाल की उत्तर भारत के साथ कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में परियोजना को मंजूरी दी गई थी। मंत्री ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि बिहार में गंगा नदी पर बनने वाली यह नई मेगा ब्रिज परियोजना 2030-31 तक पूरी हो जाएगी। इसकी जरूरत इसलिए महसूस की गई कि गंगा पर मौजूदा पुलों पर अब ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा, "मौजूदा पुलों की क्षमता पहले से ही संतृप्त है और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा पूरे उत्तर भारत के बीच संपर्क गलियारा स्थापित करने के लिए एक नया पुल बनाने की तत्काल आवश्यकता थी।"
बिहार से झारखंड को जोड़ने वाला 2.44 किलोमीटर लंबा यह नया पुल क्षेत्र में संपर्क बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान देगा। इस परियोजना से उत्तर और दक्षिण बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर क्षेत्रों और यहां तक ​​कि नेपाल को भी लाभ मिलने की उम्मीद है। इससे एक महत्वपूर्ण लिंक प्रदान होगा। यह परियोजना इन क्षेत्रों में परिवहन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को आठ रेल परियोजनाओं को मंजूरी दे दी थी, जिनकी कुल अनुमानित लागत 24,657 करोड़ रुपये है। इनमें विक्रमशिला-कटारिया रेल ब्रिज परियोजना भी शामिल है। इसके तहत भागलपुर में गंगा पर प्रस्तावित विक्रमशिला-कटारिया रेल ब्रिज परियोजना के लिए 2,549.17 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह रेल परियोजना 26.23 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें 2.44 किलोमीटर लंबा मुख्य पुल भी शामिल है।
विक्रमशिला स्टेशन भागलपुर-साहिबगंज लाइन पर और कटारिया स्टेशन कटिहार-बरौनी लाइन पर है। बिहार में बक्सर से राजमहल तक गंगा नदी करीब 450 किलोमीटर तक बहती है। इस बीच गंगा नदी पर सिर्फ तीन रेल पुल हैं। इस परियोजना के तहत गंगा नदी पर एक और नया मेगा ब्रिज बनेगा।
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