विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक दिल्ली में शुरू; घर वापसी, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन पर जोर
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक का गुरुवार को देश की राजधानी दिल्ली में शुभारंभ हो गया। बैठक में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारियों के साथ-साथ देश के कई प्रसिद्ध संत भी शामिल हुए। पहले दिन की बैठक मलूक पीठाधीश्वर अग्रदेवाचार्य श्री स्वामी राजेन्द्र देवाचार्य की अध्यक्षता में हुई।
विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंगलाल बांगड़ा ने बैठक में उपस्थित संतों के समक्ष हिंदू धर्म से विमुख हुए लोगों का परावर्तन यानी घर वापसी, सामाजिक समरसता और परिवारों में धार्मिकता एवं संस्कार जगाने हेतु कुटुम्ब प्रबोधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर परिषद की तरफ से प्रस्ताव रखा।
विश्व जागृति मिशन मुख्यालय, आनन्द धाम आश्रम में बैठक के उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने हिंदू समाज के सामने खड़ी चुनौतियों का खास तौर से जिक्र किया। विश्व जागृति मिशन के संस्थापक प्रमुख सुधांशु जी महाराज ने भारत देश एवं सनातन हिंदू धर्म को तोड़ने की साजिशों पर चिंता व्यक्त करते हुए वैदिक सनातनी संस्कृति को जन-जन के बीच पुनः प्रतिष्ठापित करने पर जोर दिया। उन्होंने धार्मिक संस्थाओं के साथ हो रहे अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्रों पर सामूहिक रूप से आवाज उठाने का आह्वान भी किया
जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी महाराज ने कहा कि हमारे परिवारों को बिखरने से हम पश्चिमी जगत के षड्यंत्रों का शिकार हो रहे हैं। इसके लिए हमें अपनी भाषा, भोजन, संस्कृति, पर्व त्योहार, उपासना आदि से जुड़ी परंपराओं के प्रति फिर से जागरूक होने की आवश्यकता है।
विहिप की इस महत्वपूर्ण दो दिवसीय बैठक में सभी क्षेत्रों के मार्गदर्शक मंडल के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र के अनुसार हिंदू समाज के सामने वर्तमान में खड़ी चुनौतियों पर तैयार रिपोर्ट को लेकर भी चर्चा की। इसके साथ ही बैठक में इनके समाधान को लेकर भी चर्चा होगी।
बैठक के पहले दिन रखे गए मुद्दों पर दूसरे और अंतिम दिन की शुक्रवार को गहन विचार-मंथन करके एक निर्णयात्मक कार्ययोजना प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है।
विहिप की ओर से कार्ययोजना की दृष्टि से पूरे देश में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल से जुड़ी हुई ऐसी नौ बैठकों का आयोजन हो रहा है। आनंदधाम आश्रम में हो रही इस बैठक में इंद्रप्रस्थ, मेरठ और जयपुर क्षेत्रों के संगठन की दृष्टि से बने 12 प्रांतों के विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के प्रतिनिधि और 150 से अधिक संत शामिल हुए।
बैठक में शामिल होने वाले महत्वपूर्ण लोगों में भारतीय संत समिति के महासचिव जितेन्द्रानन्द सरस्वती, जैन संत श्री लोकेश मुनि और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार इकबाल सिंह महाराज के साथ ही विहिप के संरक्षक दिनेश चंद्र, केंद्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे, सह-संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे और अशोक तिवारी सहित अनेक संत एवं धर्माचार्य बैठक में मौजूद रहे।