देहरादून: मानसून के बाद देवभूमि उत्तराखंड में श्रद्धालुओं का आना बढ़ रहा है। इसे लेकर अब राज्य सरकार ने कमर कस ली है।पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि श्रद्धालु बिना पंजीकरण के भी चारधाम यात्रा पर जा सकते हैं।
उत्तराखंड के चार धामों में यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ शामिल हैं। मानसून से पहले यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे, लेकिन मानसून की वजह से बीच में उनका आना थम गया था। अब इसमें एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है, जिसे लेकर प्रदेश सरकार की ओर से तैयारियां भी बढ़ा दी गई हैं।
पर्यटन मंत्री ने बताया, “श्रद्धालुओं की आमद में तेजी दिख रही है। हमने किसी को भी रजिस्ट्रेशन के लिए बाध्य नहीं किया है, लेकिन अगर कोई पंजीकरण कराना चाहता है, तो वह शुल्क का भुगतान कर पंजीकरण करा सकता है। हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। हमें पूरी उम्मीद है कि छुट्टियों के बाद श्रद्धालुओं की आमद में तेजी देखने को मिलेगी। अभी संभवत: छुट्टियों की वजह से श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर जाने से परहेज कर रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों केदरानाथ और बद्रीनाथ जाने वाले मार्गों पर भारी बारिश ने तबाही मचा दी थी। इस वजह से श्रद्धालुओं को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा था। चारधाम यात्रा हर साल अप्रैल-मई में शुरू होकर अक्टूबर-नवंबर तक चलती है। यहां जाने के लिए बायोमेट्रिक पंजीकरण मांगा जाता है।
इस साल 30 सितंबर तक कुल 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं, जबकि बीते साल 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे। साल 2022 में यह संख्या 46.29 लाख और 2019 में 34.77 लाख थी। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही। इन दो वर्षों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही थी।