भारत भूषण आशु के खिलाफ दो एफआईआर रद्द हुई, एक मामला लंबित : वकील मनदीप सचदेवा

Update: 2024-12-21 02:47 GMT
जालंधर: पंजाब कांग्रेस के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने आशु के खिलाफ लुधियाना और नवांशहर में विजिलेंस द्वारा दर्ज एफआईआर रद्द कर दी है, जबकि जालंधर के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले में दर्ज एफआईआर अभी लंबित है।
वकील मनदीप सचदेवा ने बताया कि जालंधर केस की सुनवाई 23 दिसंबर 2024 को होनी है, हालांकि इस केस में आशु को जमानत मिल गई है। उन्होंने कहा कि जो केस के बारे में बातें सेशन कोर्ट में रखी गई थी, वही हाईकोर्ट में रखी गईं। आज हाईकोर्ट ने लुधियाना और नवांशहर में हुई एफआईआर को रद्द कर दिया है, जबकि जालंधर में ईडी द्वारा दर्ज एफआईआर में आशु को जमानत दे दी गई।
मनदीप सचदेवा कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी आने के बाद सभी तथ्य सामने आ जाएंगे, अभी कोर्ट ने आदेश जारी किए। ऐसे में इन दोनों मामले में अब भारत भूषण आशु दोषी नहीं हैं।
जालंधर ईडी वाले केस को लेकर उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी आने के बाद ही इस मामले में एप्लीकेशन कोर्ट में लगाई जाएंगी। आशु के जेल से बाहर आने को लेकर वकील ने कहा कि ऑर्डर पर बात निर्भर है। यदि ऑर्डर की कॉपी जल्द आ जाती है तो आज ही बेल के पेपर भर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जालंधर में परगट सिंह की ओर से जमानत के पेपर भरे जाएंगे।
कैंट से विधायक परगट सिंह ने कहा कि जब भी एजेंसियां दबाव में आकर काम करती हैं तो ऐसे ही हालात देखने को मिलते हैं। आज हाई कोर्ट से भारत भूषण आशु को जमानत ही नहीं मिली बल्कि दो एफआईआर भी रद्द कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट से आशु को भले ही राहत मिल गई है, लेकिन पिछले चार महीने उनके जेल में रहने की भरपाई कौन करेगा। कोर्ट ने आज सुनवाई में सारे पहलू देखकर न सिर्फ आशु को जमानत दी है बल्कि दोनों एफआईआर भी रद्द कर दी है, जिससे आशु के ऊपर लगा धब्बा मिट गया है। कोर्ट ने आशु को इस केस में क्लीन चिट दे दी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने एक अगस्त को पंजाब के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु को टेंडर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के बाद आशु को हिरासत में लिया गया था। ईडी ने अगस्त 2023 में आशु, लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष रमन बालासुब्रमण्यम और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी। धन-शोधन की जांच राज्य सरकार की 2021 की परिवहन और श्रम कार्टेज नीति से संबंधित पंजाब सतर्कता ब्यूरो की एफआईआर और फर्जी व्यक्तियों को भूखंडों के आवंटन के संबंध में लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट 'घोटाले' से संबंधित शिकायतों से उपजी है।
ईडी ने आरोप लगाया था कि टेंडर उन ठेकेदारों को दिए गए थे, जिन्होंने सीवीसी, खाद्य और नागरिक आपूर्ति के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंगला के माध्यम से मंत्री (आशु) से संपर्क किया था। पंजाब सतर्कता ब्यूरो द्वारा राज्य सरकार की परिवहन और श्रम कार्टेज नीति 2021 से संबंधित एक एफआईआर के बाद मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई थी। इसके अलावा, फर्जी व्यक्तियों को प्लॉट आवंटित करने से जुड़े लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट घोटाले के संबंध में कई शिकायतें भी दर्ज की गईं, जिसके कारण मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू हुई थी।
Tags:    

Similar News

-->