डेमोक्रेसी में राजा और गुलाम नहीं होते, हम जनता के सेवक हैं : जितेंद्र आह्वाद

Update: 2025-01-07 02:56 GMT
मुंबई: एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आह्वाद ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बीड में हुई घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के नेता इस घटना का मजाक उड़ा रहे हैं और इसे राजनीति का हिस्सा मानते हैं।
जितेंद्र आह्वाद ने आरोप लगाया कि बीड में जिस तरह से पुलिस ने कार्रवाई की, उससे साफ पता चलता है कि वहां कानून और व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने यह भी कहा कि जब समाज से पुलिस का डर खत्म हो जाएगा, तो हालात बहुत खराब हो सकते हैं। उनका यह बयान तब आया जब उन्होंने बीड के एक घटनास्थल पर पुलिस के व्यवहार की आलोचना की, जहां एक व्यक्ति को झूठे आरोपों में फंसाए जाने पर भी पुलिस ने कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या समाज में अब पुलिस का डर खत्म हो गया है? पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अगर पुलिस कोई गंभीर कदम नहीं उठाती, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
अजित पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में राजा और गुलाम नहीं होते, हम जनता के सेवक हैं। जनता हमें वोट देती है और हम उनके द्वारा चुने गए नेता हैं। अजित पवार और उनके समर्थकों ने विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश की है। उन्होंने अजित पवार से यह सवाल किया कि आपको मंत्री पद कैसे मिला? क्या वह आपके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है या फिर जनता ने आपको चुना था? उन्होंने आगे कहा कि पवार को अपनी राजनीति की दिशा पर पुनः विचार करना चाहिए और अगर उन्हें जनता का विश्वास नहीं है तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
आह्वाद ने महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस मामले को खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सोमनाथ सूर्यवंशी की हत्या का भी जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने इस मामले को नजरअंदाज कर दिया है। सरकार गरीब और दलित वर्ग के मामलों में कोई ध्यान नहीं दे रही है और उनके अधिकारों की रक्षा नहीं कर रही है। हम सरकार को यह भूलने नहीं देंगे, हम लगातार इस मामले का पीछा करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को सजा मिले। उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है जब राज्य सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कानून सभी के लिए समान हो।
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