बुधवार को दार्जिलिंग लाया जाएगा शहीद मेजर बृजेश थापा का पार्थिव शरीर, 2019 में ज्वाइन की थी आर्मी
जम्मू: घाटी में सेना और आतंकियों के बीच हुए मुठभेड़ में गोरखा रेजिमेंट के मेजर बृजेश थापा और अन्य 4 सैनिक शहीद हो गए। मेजर का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके गृह जनपद दार्जिलिंग लाया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के देसा जंगल में भारतीय सैनिकों और आतंकवादियों के बीच सोमवार की रात मुठभेड़ हुई। इसमें मेजर थापा और 4 अन्य सैनिक शहीद हो गए। 27 वर्षीय सेना अधिकारी बृजेश थापा दार्जिलिंग के बड़ा गिंग बाजार के रहने वाले थे।
बता दें कि मेजर थापा ने 2019 में आर्मी ज्वाइन की थी। थापा ने 145 एयर डीफेंस में भी काम किया और उनको दो साल के लिए दस राष्ट्रीय राइफल्स में अतिरिक्त रेजिमेंटल ड्यूटी दी गई थी। बृजेश थापा के शहीद होने से पूरे देश में शोक की लहर है। उनके पिता भुवनेश कुमार थापा भी एक आर्मी ऑफिसर थे। वो सेना में कर्नल रैंक से रिटायर्ड हुए थे।
गौरतलब है कि सोमवार देर शाम सेना के जवान और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने डोडा शहर से 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में संयुक्त घेराबंदी की और तलाशी अभियान चलाया। कुछ देर तक गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की लेकिन सैनिकों ने उनका पीछा किया। पहले मुठभेड़ में सेना और पुलिस के पांच सुरक्षाकर्मियों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर आई थी। बाद में मंगलवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।
अपने चारों शहीद जवानों की बहादुरी को भारतीय सेना ने सलाम किया है और उनके परिवारों के साथ होने की बात कही है। सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के सभी जवान की तरफ से कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए डोडा में आतंकवाद के खिलाफ अभियान में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए प्राणों की आहुति दे दी। भारतीय सेना इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है।"
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, "डोडा (जम्मू-कश्मीर) के उरारबागी में आतंकवाद के खिलाफ अभियान में भारतीय सेना के हमारे बहादुर जवानों की शहादत पर काफी शोकाकुल हूं। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ है। अपने कर्तव्य के निर्वहन में जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है।"