नई दिल्ली: संसद सत्र की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी केंद्र सरकार ने सभी राजनीतिक दलों और सभी सांसदों से टीम इंडिया की तरह संसद की कार्यवाही को सुचारू ढंग से चलाने की अपील की है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटों की संख्या कम होने को विपक्षी दलों द्वारा भाजपा की नैतिक हार बताने की बयानबाजी के बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सभी राजनीतिक दलों से मिलकर संसद की कार्यवाही को सुचारू ढंग से चलाने की अपील करते हुए कहा है कि जनादेश बिल्कुल स्पष्ट है। जनता ने एनडीए गठबंधन को देश चलाने के लिए सरकार बनाने का जनादेश दिया है और विपक्षी दलों को विपक्ष की ही भूमिका निभाने का जनादेश दिया है। इसलिए सरकार और विपक्ष दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है और देश के लिए दोनों को ही मिलकर कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार उच्च गुणवत्ता वाली बहस और चर्चा के साथ संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी राजनीतिक दलों और सांसदों के साथ मिलकर काम करने के लिए सकारात्मक रूप से तत्पर है।
किरेन रिजिजू ने वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लोकसभा में दिए गए भाषण के एक अंश को साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून 2024 से शुरू हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि सभी नवनिर्वाचित माननीय सदस्य राष्ट्र की सेवा करने के लिए, भारतीय संसद की समृद्ध परंपराओं को बनाए रखने, इसका गौरव बढ़ाने और सदन की गरिमा को बनाए रखने में योगदान देंगे।"
आपको बता दें कि लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण, लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक बुलाया गया है। वहीं राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा।
लोकसभा सत्र के पहले दो दिन यानी 24 और 25 जून को लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसद सदस्यता की शपथ लेंगे। सांसदों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के संपन्न हो जाने के बाद 26 जून को लोकसभा के नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर दोनों सदनों में अलग-अलग चर्चा भी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब भी देंगे।
माना जा रहा है कि लोकसभा में अपने सांसदों की संख्या बढ़ने से उत्साहित विपक्षी दल दोनों सदनों में सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश करते नजर आएंगे। वहीं सरकार और भाजपा ने भी संसद सत्र को लेकर अपनी रणनीति को बनाना शुरू कर दिया है। भाजपा की कोशिश दोनों सदनों में विरोधी दलों के अंतर्विरोधों को ज्यादा से ज्यादा उभारने की होगी ताकि उनके भाजपा की नैतिक हार के अभियान की पोल संसद के जरिए देश की जनता के सामने खोली जा सके।