तमिलनाडु सरकार उत्तराखंड भूस्खलन में फंसे तमिल तीर्थयात्रियों को बचाने के लिए उठा रही कदम : स्टालिन
चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड भूस्खलन में फंसे तमिल तीर्थयात्रियों को बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
स्टालिन ने भूस्खलन में फंसे तमिलनाडु के एक तीर्थयात्री, पराशक्ति से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के अधिकारियों के संपर्क में है और पहाड़ी राज्य में फंसे तमिल लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "मैंने उत्तराखंड में फंसे तमिल तीर्थयात्रियों में से एक पराशक्ति से बात की। उत्तराखंड में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित तमिलनाडु लाने के प्रयास जारी हैं।"
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के लगभग 30 तीर्थयात्री 3 सितंबर को तमिलनाडु के चिदंबरम से उत्तराखंड के आदि कैलाश के दर्शन के लिए गए थे। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण पिथौरागढ़ जिले में चैतालकोट के पास धारचूला-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी भूस्खलन हुआ। 14 सितंबर को बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन की घटनाओं के बाद तीर्थयात्री फंस गए ।
इस बीच, कुड्डालोर के जिला कलेक्टर सिबी अधित्या सेंथिल कुमार ने रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि तीर्थयात्री सुरक्षित हैं और उन्हें उत्तराखंड के पास तवाघाट में एक शिविर में ठहराया गया है।
उन्होंने कहा, "पिथौरागढ़ के जिला कलेक्टर ने हमें बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। मौसम की स्थिति को देखते हुए फंसे हुए तीर्थयात्रियों को हवाई मार्ग से निकालने का प्रयास किया जा रहा है। हम इस संबंध में संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं।"