नीट परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट फैसला स्वागत योग्य, सत्यमेव जयते : शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 'सत्यमेव जयते'।
उन्होंने कहा कि हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। हमारी प्राथमिकता देश के विद्यार्थी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इसी बात को सबसे ऊपर रखा है। दो ढाई महीने से सरकार के पक्ष को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने नो री-नीट की बात कही है।
पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए परीक्षा लीक के खिलाफ सख्त कानून बनाया है। हमने उच्च स्तरीय कमेटी की भी घोषणा की जिसके चेयरमैन प्रो. राधा कृष्णन है। वे सभी के सुझाव को सुन रहे हैं और इसका जल्द ही रिपोर्ट आएगा। एनटीए को जीरो टेंपर फ्री संस्था बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हमें एनटीए को एक पारदर्शी, शून्य-त्रुटि वाली संस्था बनाना है। इसके लिए जो भी तकनीक और वैश्विक प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता है, हम अपनाएंगे। जो अव्यवस्था हुई है, उसके लिए किसी को नहीं छोड़ा जाएगा और सीबीआई अपना काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने कुछ सुझाव दिया है और जल्द ही एनटीए फाइनल रिजल्ट जारी करेगी। जब से एनटीए शुरू हुआ है, गरीब वंचित और पिछड़े लोगों की संख्या बढ़ी है लेकिन, कुछ लोग तथ्य को नहीं जानते और इसे अमीरों की व्यवस्था कहते हैं। मुझे आश्चर्य होता है कि कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट के बार-बार कहने के बाद भी नीट का विरोध कर रहे हैं। जबकि नीट में पिछली बार तमिलनाडु से टॉपर थी। जब इसे पारित किया गया तो विपक्षी सत्ता में थे और तमिलनाडु के ये दल उनके सहयोगी थे। अगले एक दो दिन में नई मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।
वहीं धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा "नीट-यूजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा पर आज का फैसला अटकलों पर विराम लगाएगा और लाखों मेहनती और ईमानदार छात्रों को राहत की सांस देगा। छात्रों के हित को बरकरार रखने वाले ऐतिहासिक फैसले के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आभारी हूं।"
उन्होंने आगे लिखा "यह फैसला उन लोगों की आंखें खोल देगा, जिन्होंने भारतीय परीक्षा प्रणाली को बकवास बताया और निहित स्वार्थों और राजनीतिक लाभ के लिए इस अवसर का फायदा उठाने के साथ नागरिक अशांति और अराजकता को बढ़ावा दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों की भावनाओं से खिलवाड़ करने के साथ-साथ इससे राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश के लिए माफी मांगनी चाहिए।"
सुप्रीम कोर्ट ने नीट एग्जाम में हुई धांधली को लेकर मंगलवार को अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अब तक ऐसा कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है, जिससे यह साबित हो सके कि परीक्षा में धांधली हुई है। ऐसी स्थिति में हम परीक्षा को संपन्न कराने वाले तंत्र पर सवाल नहीं उठा सकते। नीट यूजी एग्जाम अब कैंसिल नहीं होगा। नीट-यूजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा को रद्द करना न तो उचित है और न ही आवश्यक है।