एसएन सुब्रमण्यन का श्रमिकों को लेकर दिया गया बयान आपत्तिजनक : प्रवीण खंडेलवाल

Update: 2025-02-13 02:46 GMT
नई दिल्ली: लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रमण्यन श्रमिकों को लेकर बयान देने के बाद विवादों में घिर गए हैं। चेन्नई में सीआईआई के मिस्टिक साउथ ग्लोबल लिंकेज समिट 2025 में उन्होंने कहा कि भारत में श्रमिक सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के कारण काम करने के इच्छुक नहीं हैं।
एस.एन. सुब्रमण्यन के इस बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि उनका यह बयान न केवल भ्रामक है, बल्कि देश के जमीनी स्तर पर हुई व्यापक विकास और प्रगति का भी अपमान है।
प्रवीण खंडेलवाल ने वीडियो जारी कर कहा, "लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एस.एन. सुब्रमण्यन का यह बयान कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के कारण कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री को श्रमिक नहीं मिल रहे हैं, बेहद आपत्तिजनक है और मैं इसकी कड़ी आलोचना करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मनरेगा, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जैसी अनेक योजनाओं से देश के श्रमिकों का भला हुआ है और हमारी स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।"
उन्होंने कहा, "यह सीधे तौर पर देश के श्रमिकों का अपमान है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरीके से देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, उससे हमारे गांव और हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। एस.एन. सुब्रमण्यन और कॉर्पोरेट जगत को चाहिए कि वे अपने यहां श्रमिकों के काम करने की स्थिति को सुधारें। उनके वेतन को ठीक करें और काम करने का अच्छा माहौल दें। उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए।"
इससे पहले भी एस.एन. सुब्रमण्यन ने बयान दिया था कि कर्मचारियों को एक हफ्ते में 90 घंटे काम करना चाहिए, जिसके बाद वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर बहस शुरू हो गई थी। उनके इस बयान ने कर्मचारियों के अधिकारों और कामकाजी परिस्थितियों पर भी बहस को जन्म दिया है।
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