टोंक: राजस्थान के टोंक जिले में स्क्रब टाइफस का कहर जारी है। मरीजों के सैंपल जांच के लिए जयपुर और टोंक भेजे जा रहे हैं। हाल ही में भेजे गए सैंपल में 10 मरीजों में स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाया गया है। गांव की सफाई के साथ ही ग्रामीणों को स्क्रब टाइफस से बचाव की जानकारी दी जा रही है। बीमार लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। मच्छर और पशु जनित बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा।
टोंक कलेक्टर डॉ. सौम्या झा ने बताया कि तीन दिन से पूरी मेडिकल टीम शहर में है। राज्य की टीम भी निरीक्षण के लिए शहर आई थी। जांच में पता चला कि अगस्त और सितंबर में जिले में 23 मौतें हुई हैं। इनमें से 16 मौतें दुर्घटनाओं और प्राकृतिक मौतों के कारण हुई हैं। करीब आठ मौतों में बुखार का लक्षण था। लेकिन सभी में डेंगू निगेटिव था। फिर भी हमने वहां मेडिकल टीम तैनात कर दी है। घर-घर जाकर कई लोगों के सैंपल की जांच की जा रही है। कुछ बीमारियों का पता चला है। कुछ लोगों में स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाया गया है। कुछ लोगों में लेप्टोस्पायरोसिस पॉजिटिव पाया गया है।
कलेक्टर ने कहा कि इसे रोकने के लिए हम पूरे इलाके में फॉगिंग करवा रहे हैं। ये बीमारियां जानवरों पर रहने वाले कीड़े के काटने से होती हैं। गुरुवार को वहां एक पशु चिकित्सा अधिकारी को तैनात कर हम पशुओं की बीमारियों का इलाज करा रहे हैं, ताकि यह बीमारी लोगों में न फैले।
उन्होंने कहा कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। चार से पांच दिन तक बीसीएमएचओ वहां तैनात रहेंगे। जलभराव वाले इलाकों में एंटीसेप्टिक दवा का छिड़काव किया जा रहा है। कैंप में जिसे भी लगता है कि वह बीमार पड़ रहा है, वह जाकर अपनी जांच करा रहा है। अगर हमें लगता है कि कोई मरीज गंभीर है, तो हम उसे तुरंत रेफर कर देते हैं।
बीमारियों के फैलाव को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन के तहत पंचायत समिति में ई-रिक्शा लाए गए हैं। अब कस्बे व गांव में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण होगा। घरों से कचरा संग्रहण के अलावा गांव की गलियों, सड़कों व चौराहों पर भी साफ-सफाई नजर आएगी। सरपंच ने मालपुरा विकास अधिकारी को तीन ई-रिक्शा उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा है।